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Hindi News दिल्ली राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर हादसा: बुलडोजर कार्रवाई, SUV चालक की गिरफ्तारी, जानें अबतक क्या हुआ

राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर हादसा: बुलडोजर कार्रवाई, SUV चालक की गिरफ्तारी, जानें अबतक क्या हुआ

दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर कोचिंग सेंटर में हुए हादसे पर बड़ी कार्रवाई की जा रही है। बुलडोजर कार्रवाई करने के साथ ही उस रात जिस एसयूवी की वजह से कोचिंग सेंटर का गेट टूटा था, उस गाड़ी के ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया है। जानिए इस मामले में अबतक क्या हुआ?

coaching center incident- India TV Hindi Image Source : PTI ओल्ड राजिंदर नगर कोचिंग सेंटर हादसा में अबतक क्या हुआ

ओल्ड राजिंदर नगर के एक कोचिंग सेंटर में तीन आईएएस परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों की मौत पर बढ़ती आलोचना और छात्रों के विरोध के बीच दिल्ली पुलिस और नगर निगम हरकत में आए हैं। दिल्ली पुलिस ने नगर निगम से रिपोर्ट भी मांगी है। इस बीच इस मामले को लेकर राजनीतिक मोर्चे पर, आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। छात्रों की मौत के मामले में पुलिस ने सोमवार को पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में एक एसयूवी चालक भी शामिल है, जिसे पुलिस ने कोचिंग सेंटर के बाहर बारिश से जलजमाव वाली सड़क पर अपनी कार चलाने के लिए दोषी ठहराया, जिसके कारण बेसमेंट में पानी फैल गया जहां छात्र फंस गए थे।

एक वायरल वीडियो में एसयूवी ड्राइवर को पानी से भरी सड़क से गुजरते हुए दिखाया गया, जिससे कोचिंग सेंटर के अंदर पानी की लहर दौड़ गई। पानी अंदर घुसने से इमारत का लोहे का गेट भी कथित तौर पर टूट गया। पुलिस ने एसयूवी को भी जब्त कर ली। 

देखें वीडियो

पुलिस ने कोचिंग सेंटर की इमारत और बेसमेंट के चार मालिकों को भी गिरफ्तार किया, जिससे कुल गिरफ्तारियां सात हो गईं। पुराने राजिंदर नगर में राऊ के आईएएस स्टडी सर्कल के मालिक और समन्वयक को रविवार, 28 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, नगर निगम का कोई भी अधिकारी अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस एमसीडी अधिकारियों से नालों से गाद निकालने और उनके द्वारा कोचिंग सेंटर को जारी किए गए क्लीयरेंस सर्टिफिकेट के बारे में पूछताछ कर सकती है। इस मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने पांचों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

बुलडोजर कार्रवाई, जूनियर इंजीनियर बर्खास्त, सहायक इंजीनियर निलंबित

लापरवाही और बरसाती नालों से गाद न निकालने के आरोपों से घिरी एमसीडी ने ओल्ड राजिंदर नगर में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया। राऊ के आईएएस स्टडी सर्कल, जिस कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मौत हुई थी, के पास इलाके में बरसाती नालों को ढकने वाली अवैध संरचनाओं को हटाने के लिए बुलडोजरों को कार्रवाई में देखा गया, जिसके कारण जलभराव हो गया था। इसके अलावा, एमसीडी ने कोचिंग सेंटर में हुई मौतों के सिलसिले में एक जूनियर इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया और एक सहायक इंजीनियर को निलंबित कर दिया।

एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार समाचार एजेंसी ने पीटीआई को बताया कि दोनों अधिकारी करोल बाग जोन के रखरखाव विभाग का हिस्सा हैं। कुमार के अनुसार, क्षेत्र में बरसाती नालों को अतिक्रमणकारियों ने ढक दिया था, जिसके कारण जलभराव हो गया और बारिश का पानी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में घुस गया।

मामले को लेकर सियासी बयानबाजी जारी

वहीं, आम आदमी पार्टी ने नौकरशाहों को दोषी ठहराया है और दिल्ली के उपराज्यपाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच, राजनीतिक मोर्चे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा और सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इस त्रासदी के लिए नौकरशाहों को जिम्मेदार ठहराया।दिल्ली के स्वास्थ्य, जल और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि शहर के नाली प्रबंधन पर चर्चा के लिए 13 फरवरी को बुलाई गई बैठक में एक भी आईएएस अधिकारी शामिल नहीं हुआ। भारद्वाज ने कहा कि नालों से गाद निकालना उनके विभाग की जिम्मेदारी नहीं है। 

गौरतलब है कि ये विभाग केंद्र सरकार के अंतर्गत आते हैं और सीधे दिल्ली के उपराज्यपाल को रिपोर्ट करते हैं। एमसीडी कमिश्नर भी सीधे उपराज्यपाल को रिपोर्ट करते हैं। उन्होंने कहा, "जलजमाव से निपटने का एकमात्र तरीका नालों को साफ करना है। जब गाद निकालने का काम किया जाता है, तो गाद को सड़क के किनारे छोड़ दिया जाता है और आम लोग भी शिकायत करते हैं।"

आप कार्यकर्ताओं ने एमसीडी कमिश्नर को हटाने की मांग को लेकर उपराज्यपाल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया। इस बीच, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने प्रदर्शनकारी छात्रों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि घटना के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।