नयी दिल्ली: दिल्ली आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के मुताबिक कोविड-19 महामारी की वजह से वर्ष 2020 में राष्ट्रीय राजधानी में चिकित्सा संस्थानों की संख्या में कमी आई। दिल्ली में कोविड-19 का पहला मामला मार्च 2020 में दर्ज किया गया और इसके बाद महामारी को नियंत्रित करने के लिए केंद्र द्वारा राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण-2021-22 के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में चार अस्पताल निर्माणाधीन हैं और इनके वर्ष 2022 के अंत में या वर्ष 2023 में पूरा होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया कि बेहतर कोविड-19 प्रबंधन और कम समय में बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने के लिए शालीमार बाग, चचा नेहरू बाल चिकित्सालय और जीटीबी अस्पताल सहित सात स्थानों पर अर्ध स्थायी या अस्थायी आईसीयू अस्पताल का निर्माण किया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली सरकार ‘‘चार टियर स्वास्थ्य देखभाल अवसंरचना मॉडल’’ को लागू कर रही है जिनमें मोहल्ला क्लीनिक और पॉलिक्लीनिक पहले और दूसरे टियर में होंगे जहां पर प्राथमिक और द्वितीय स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराई जा रही है।
रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 में चिकित्सा संस्थानों की संख्या बढ़कर 3,433 हो गई थी जो वर्ष 2020 में घटकर 3,389 हो गई। रिर्पोट में कहा, ‘‘ उपरोक्त कथन से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कोविड-19 की वजह से दिल्ली में चिकित्सा संस्थानों की संख्या में कमी आई क्योंकि स्कूल नहीं खुले थे और 61 स्कूल स्वास्थ्य क्लीनिक बंद थे।’’
आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 से 2020 के दौरान अस्पतालों के संख्या में बदलाव नहीं हुआ लेकिन इस अवधि में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई और यह सात से बढ़कर 12 हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक ऐलौपैथी, आयुष और मोबाइल स्वास्थ्य क्लीनिक सहित डिस्पेंसरी की संख्या इस अवधि में 1585 से घटकर 1,573 हो गई। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में स्मार्ट सिटी योजना के तहत कुल 106 परियोजनाए तैयार की गई जिनमें से 86 पूरी हो चुकी है जबकि 86 परियोजनाएं डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) चरण में है।