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Hindi News दिल्ली 'वीर सावरकर नहीं, मनमोहन सिंह के नाम पर हो DU के कॉलेज का नामकरण', NSUI ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

'वीर सावरकर नहीं, मनमोहन सिंह के नाम पर हो DU के कॉलेज का नामकरण', NSUI ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

एनएसयूआई ने विभाजन के बाद छात्र से लेकर विश्वभर में पहचान बनाने तक की मनमोहन सिंह की जीवन यात्रा को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि सिंह के योगदान और विरासत को सम्मानित करने का सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों को उनके नाम पर समर्पित किया जाए।

manmohan singh- India TV Hindi Image Source : PTI एक आर्ट टीचर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए उनका चित्र बनाता हुआ।

नई दिल्ली: कांग्रेस की छात्र शाखा ‘नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया’ (NSUI) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रस्तावित नए कॉलेज का नाम वीर सावरकर के बजाय पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम पर रखने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को नजफगढ़ में 'वीर सावरकर कॉलेज' की आधारशिला रखेंगे। इस संस्थान को 2021 में दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया था।

पत्र में NSUI ने क्या लिखा?

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने शिक्षा और प्रशासन में मनमोहन सिंह के योगदान पर प्रकाश डाला तथा अनुरोध किया कि कॉलेज उनकी विरासत का सम्मान करे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पिछले महीने 92 वर्ष की आयु में दिल्ली में स्थित एम्स में निधन हो गया था। पत्र में लिखा गया है, "माननीय प्रधानमंत्री जी, आप वीर सावरकर के नाम पर, दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले एक कॉलेज का उद्घाटन करने वाले हैं। एनएसयूआई दृढ़ता से मांग करती है कि इस संस्थान का नाम पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के नाम पर रखा जाए। उनके हाल ही में हुए निधन से एक बड़ी क्षति हुई है और उनके योगदान और विरासत को सम्मानित करने का सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों को उनके नाम पर समर्पित किया जाए।"

मनमोहन सिंह की जीवन यात्रा को सिलेबस में शामिल करने की मांग

एनएसयूआई ने विभाजन के बाद छात्र से लेकर विश्वभर में पहचान बनाने तक की सिंह की जीवन यात्रा को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करने की भी मांग की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक विद्वान, अर्थशास्त्री और लोक सेवक के रूप में सिंह की विरासत लचीलेपन, योग्यता और लोक कल्याण के प्रति समर्पण का प्रतीक है।

एनएसयूआई ने कहा, "सिंह ने आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे अनेक संस्थान स्थापित किए और केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम पेश किया। उनके नाम पर संस्थानों का नामकरण पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और उनके परिवर्तनकारी दृष्टिकोण का सम्मान करेगा। सरकार को भारत के लिए उनके अद्वितीय योगदान को मान्यता देने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।" (भाषा इनपुट्स के साथ)

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