पुलिस के हाथ आए ये हाईटेक ठग, बैंक में मदद के नाम कर यूं कर देते थे लाखों साफ
दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो स्कूल ड्रॉपआउट से सीधा हाईटेक चीटर बन गए। शक्ल से बेहद मासूम दिखने वाले इस गैंग के सदस्य हाईटेक तरीके से आंखों के सामने लोगों के लाखों रुपए उड़ा देते थे।
दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो स्कूल ड्रॉपआउट से सीधा हाईटेक चीटर बन गए। शक्ल से बेहद मासूम दिखने वाले इस गैंग के सदस्य हाईटेक तरीके से आंखों के सामने लोगों के लाखों रुपए उड़ा देते थे। ये ठग बैंक की कैश डिपॉजिट मशीन पर आम लोगों को मदद की पेशकश करते थे और फिर उसमें गड़बड़ी कर लोगों की कमाई साफ कर देते थे। आखिरकार ये शातिर ठग दिल्ली पुलिस के बिछाए जाल में फंस गए। फिलहाल पुलिस को इनके एक साथ की तलाश है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक एक शख्स ने दिल्ली के निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन में शिकायत दी कि वो भोगल इलाके में पंजाब नेशनल बैंक में कैश डिपॉजिट मशीन में 45000 रुपए जमा करने गया था। वहा दो लोगो ने उसकी कैश जमा करने में मदद की लेकिन बाद मे उसे पता लगा कि जो पैसा उसने मशीन में डाला था वो बैंक में जमा ही नहीं हुआ। पुलिस ने धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की और उसी इलाके में कुछ दिन सादे कपड़ो में पुलिस कर्मियो को तैनात किया। सूत्रो से पुलिस को पता लगा कि जितेंद्र और बच्चा नाम के दो लोग इस तरह के काम में शामिल है, कुछ दिनों बाद सादे कपड़ो में उसी बैंक के पास पुलिस को ये दोनों शख्स दिखाई दिए और पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया।
ऐसे करते थे ठगी
पुलिस पूछताछ में जितेंद्र और बच्चा ने बताया कि ये दोनों बिहार के रहने वाले है, वेस्ट बंगाल में मजदूरी करते थे और फिर एक बाबू नाम का शख्स इन्हें मिला जो इन्हें दिल्ली ले आया और जल्द पैसा कमाने के लिए इन्हें इस धंधे में उतारा। जब भी कोई कस्टमर कैश डिपॉजिट मशीन में पैसे जमा करने आता ये दोनों जितेंद्र और बच्चा उस शख्स के पास जाते और उसकी मदद करने के बहाने उससे कहते मशीन में पैसे डालो और पैसे डलने के समय ये धीरे से ऐड ऑन का बटन दबा देते और पीड़ित को कहते उसके पैसे जमा हो गए है, और उसके जाते ही मशीन में कैंसल का बटन दबाते, ट्रांजेक्शन रुक जाती और ये मशीन से पैसा निकाल कर फरार हो जाते और अगले 15,20 दिन उस बैंक में नहीं आते किसी और इलाके में जाकर यही काम करते।
स्कूल ड्रॉपआउट हैं ये ठग
इनकी ठगी करने का तरीका बेहद हाईटेक है। लेकिन ये दोनों ही स्कूल ड्रॉपआउट हैं। पुलिस पूछताछ ने बताया कि बाबू ,जितेंद्र और बच्चा तीनों किराए के कमरे में रहते हैं। बाबू इन्हें काम करना सिखाता था, इनकी डील होती थी कि अगर 4 बजे तक ये लौट कर न आए तो तीसरा शख्स जो घर पर हैं वो समझ जाए कि पकड़े गए है और वो इनकी मदद के लिए आ जाए। पकड़े गए दोनों आरोपी जितेंद्र (32) और बच्चा (19) स्कूल ड्रॉप आउट हैं। जल्द पैसा कमाने के चक्कर में ये हाईटैक चीटर बन गए थे, फ़िलहाल पुलिस ने दो केस सुलझाने का दावा किया है और इनके साथी की तलाश जारी है।