भारत रत्न पर 'महाभारत': प्रस्ताव में नहीं था राजीव का नाम, अलका से नहीं मांगा इस्तीफा: सिसौदिया
दिल्ली विधानसभा में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के आम आदमी पार्टी के प्रस्ताव पर महाभारत थमती नज़र नहीं आ रही है।
दिल्ली विधानसभा में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के आम आदमी पार्टी के प्रस्ताव पर महाभारत थमती नज़र नहीं आ रही है। इस पूरे मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने के लिए शनिवार को आयोजित आप की प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने सभी आरोपों को सिरे से झुठला दिया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के लिखित प्रस्ताव में देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम नहीं था। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव की जो कॉपी जरनैल सिंह के पास थी उस पर सोमनाथ भारती ने पैन से राजीव गांधी का नाम दिख दिया था। वहीं अलका लांबा के इस्तीफे की बात को उन्होंने मीडिया की अफवाह बताया। सिसौदिया ने कहा कि न तो आम आदमी पार्टी ने अलका से इस्तीफा मांगा है और न ही उन्होंने दिया है। (राजीव गांधी का भारत रत्न वापस लेना चाहते हैं केजरीवाल; 'आप' की गलती, लांबा के इस्तीफ़े से लीपापोती?)
जिनके हाथ 1984 और 2002 में रंगे हैं वे न लगाए आरोप
इस पूरे घटनाक्रम को कांग्रेस और बीजेपी की साजिश का आरोप लगाते हुए मनीष सिसौदिया ने कहा कि जिन पार्टियों के हाथ 1984 और 2002 के दंगों से रंगे हैं वे इस मामले में हम पर आरोप न लगाएं। उन्होंने कहा कि न तो ऐसा प्रस्ताव आम आदमी पार्टी ने पेश किया और न ही सदन में इससे जुड़ा कोई प्रस्ताव पास हुआ है। यह सब फैलाई गई अफवाहें हैं।
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क्या है मामला
दरअसल असेंबली में '84 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग वाला एक प्रस्ताव आया। सूत्र बताते हैं कि उसमें 'आप' नेता सोमनाथ भारती ने अपनी तरफ से हाथ से लिख दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिया गया भारत रत्न वापस लिया जाए। इस प्रस्ताव को आम आदमी पार्टी नेता जरनैल सिंह ने असेंबली में पढ़ा और फिर इसके पास होने की घोषणा हो गई। जरनैल सिंह ने विधानसभा से बाहर आकर भी इस बात की तस्दीक की।
आप ने झाड़ा पल्ला
आम आदमी पार्टी का बवाल इसी के बाद शुरू हुआ। सबसे पहले केजरीवाल की पार्टी ने प्रस्ताव से पल्ला झाड़ा और दावा किया कि ऐसा कोई प्रस्ताव पास ही नहीं हुआ है। पार्टी ये साबित करने की कोशिश करती रही कि असली प्रस्ताव में राजीव गांधी का नाम ही नहीं था लेकिन चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा ने सोशल मीडिया पर अपनी पार्टी की पोल खोलकर रख दी।
अलका के ट्वीट से बढ़ी मुश्किलें
आम आदमी पार्टी का बवाल इसी के बाद शुरू हुआ। सबसे पहले केजरीवाल की पार्टी ने प्रस्ताव से पल्ला झाड़ा और दावा किया कि ऐसा कोई प्रस्ताव पास ही नहीं हुआ है। पार्टी ये साबित करने की कोशिश करती रही कि असली प्रस्ताव में राजीव गांधी का नाम ही नहीं था लेकिन चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा ने सोशल मीडिया पर अपनी पार्टी की पोल खोलकर रख दी।