दिल्ली: प्रदूषण जांच के लिए लंबी लाइन से मिल सकती है निजात, सरकार ने दी ये नई सुविधा
दिल्लीवासियों के लिए डीटीसी के डिपो और टर्मिनलों में चल रहे जांच केंद्रों को भी जनता के लिए खोल दिया है।
ट्रैफिक चालान से जुड़े नए नियम अमल में आने के बाद से लोग अपने कागज़ात दुरुस्त करने में जुट गए हैं। इस समय सबसे ज्यादा भीड़ प्रदूषण जांच केंद्रों पर मिल रही है। पीयूसी करवाने के लिए पूरे दिल्ली एनसीआर में लंबी कतारें देखी जा रही हैं। इस बीच दिल्ली सरकार ने प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने में आ रही समस्या के मद्देनजर दिल्लीवासियों के लिए डीटीसी के डिपो और टर्मिनलों में चल रहे जांच केंद्रों को भी जनता के लिए खोल दिया है। अब यहां पर निजी वाहन चालक भी प्रदूषण जांच करा सकेंगे। इसके साथ ही दिल्ली में प्रदूषण जांच केंद्रों को भी बढ़ाया जाएगा।
दिल्ली सचिवालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने में लोगों की दिक्कतों को देखते हुए परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। उन्होंने कहा कि पहले प्रतिदिन करीब 15 हजार प्रदूषण प्रमाण पत्र बनते थे, अब यह आंकड़ा तीन गुना बढ़कर 45 हजार को पार कर गया है। उन्होंने कहा कि बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं जिनसे दिल्लीवालों को राहत मिलेगी। परिवहन आयुक्त और मंडलायुक्त को आदेश दिए गए हैं कि जिन केंद्रों पर बहुत अधिक भीड़ है वहां पर चार से पांच सिविल डिफेंस कार्यकर्ताओं को भी तैनात किया जाए।
दिल्ली में प्रदूषण प्रमाण पत्र केंद्र बनाने के लिए नए केंद्र खोले जाएंगे। मंत्री ने बताया कि नए सेंटर खोलने के लिए जल्द ही टेंडर जारी किया जाएगा। इस संबंध में विज्ञापन भी निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि जरूरत के आधार पर उक्त जगहों पर सेंटर खोले जाएंगे, जहां ज्यादा भीड़ हैं या ज्यादा मांग आ रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक करोड़ 10 लाख से अधिक वाहन हैं। इसमें करीब 40 लाख वाहन (डीजल वाले 10 साल, पेट्रोल वाले 15 साल पुराने) पुराने हैं।