नयी दिल्ली: पिछले महीने दिल्ली में तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में भाग लेने वाले 60 साल के एक व्यक्ति की उत्तर पश्चिम दिल्ली के सुल्तानपुरी में एक पृथकवास केंद्र पर मौत हो गयी। उसे कोरोना वायरस का संक्रमण होने का संदेह है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पृथकवास केंद्र में कुछ लोगों ने अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि व्यक्ति को मधुमेह था और उसे समय पर जरूरी चिकित्सकीय देखभाल नहीं मिली। हालांकि प्रशासन ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि व्यक्ति ने यह जानकारी नहीं दी थी कि वह डायबिटीज का रोगी है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘जब भी किसी रोगी को कोविड-19 देखभाल केंद्र में लाया जाता है तो हम उनकी मेडिकल पृष्ठभूमि पता करते हैं। रोगी ने कभी उनके डायबिटिक होने के बारे में नहीं बताया।’’ उन्होंने कहा कि आरोपों की सत्यता का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दे दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारण का पता चल सकेगा।’’
अधिकारियों ने कहा कि रोगी को यहां राजीव गांधी अस्पताल से सोमवार को केंद्र में लाया गया था और उसकी कोविड-19 की जांच कराई गयी। उसकी रिपोर्टों का इंतजार है। रोगी ने बुधवार सुबह आठ बजेसीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत की और केंद्र में मौजूद डॉक्टरों ने उसे देखा। सुबह करीब दस बजे उसकी हालत बिगड़ गयी और पास के अस्पताल ले जाने से पहले उसकी मौत हो गयी।
व्यक्ति की मौत के बाद भीड़ जमा हो गयी और विरोध जताने लगी। हालांकि पुलिस ने हस्तक्षेप करके उसके शव को केंद्र से ले जाने के लिए रास्ता साफ किया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि व्यक्ति तमिलनाडु का रहने वाला था और उसने मार्च में निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था।