नई दिल्ली: दिल्ली में हाल ही में जारी मतदाता सूची को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) और भाजपा के बीच जुबानी जंग चल रही है। आप ने आरोप लगाया कि भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए ‘बड़े पैमाने पर’ लोगों के नाम सूची से हटाए गए हैं। आप ने चुनाव आयोग से इस बारे में स्पष्टीकरण की भी मांग की। वहीं, इस पर भाजपा ने कहा कि मतदाता सूची में 2014 के मुकाबले 9.8 लाख मतदाताओं की संख्या बढ़ी है और ये आप और केजरीवाल के ‘झूठ’ की पोल खोलता है।
आप ने भाजपा पर खास समुदाय के मतदाताओं का नाम ‘बड़ी संख्या में हटाने’ में शामिल होने का आरोप लगाया। आप का आरोप है कि लोकसभा चुनाव में हार की डर से भाजपा ऐसा कर रही है। आप के प्रवक्ता और दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट के प्रभारी राघव चड्ढा ने कहा, ‘‘ जनवरी, 2018 की तुलना में मतदाताओं की संख्या में 1.2 लाख की कमी हुई है। इससे आप के उस दावे की स्पष्ट तौर पर पुष्टि होती है कि भाजपा दिल्ली के लोगों के साथ मतदाता सूची से नाम हटाने का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा कर रही है।'' वहीं, भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल को ‘झूठ की राजनीति’ छोड़कर अगला चुनाव अपनी सरकार की उपलब्धियों के आधार पर लड़ना चाहिए।
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय (सीईओ) ने शुक्रवार को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में मतदाताओं की संख्या पिछले लोकसभा चुनाव, 2014 के मुकाबले 2019 में 7.78 फीसदी बढ़ी है। हालांकि, जारी मतदाता सूची में लोगों की संख्या आखिरी मतदाता सूची के मुकाबले 0.87 फीसदी कम है। आखिरी मतदाता सूची जनवरी, 2018 में जारी की गई थी।