नयी दिल्ली: दिल्ली में बृहस्पतिवार को करीब 9500 स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वायरस का टीका लगाया गया जो कुल लक्षित संख्या का करीब 51 फीसदी है। देश व दिल्ली में 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था। राष्ट्रीय राजधानी में शुरू में टीकाकरण की रफ्तार सुस्त थी लेकिन बीते कुछ दिनों में इसने रफ्तार पकड़ी है। अधिकारियों ने बताया कि चार फरवरी को 18300 लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य था। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "आज 9494 लोगों को कोरोना वायरस का टीका लगाया गया है और 13 लोगों में टीकाकरण के प्रतिकूल प्रभाव देखे गए।" बुधवार को 7365 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया गया था जो लक्षित संख्या का करीब 40 प्रतिशत था।
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भारत में कोरोना वायरस का पता लगाने के वास्ते लिए गए नमूनों के संक्रमित आने की दर घटकर 5.42 प्रतिशत पर आ गई है जबकि नमूनो के संक्रमित आने की साप्ताहिक दर (पिछले हफ्ते) 1.82 फीसदी दर्ज की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने प्रेस वार्ता में बताया कि आठ राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में नमूनों के संक्रमित आने की साप्ताहिक दर 1.82 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है।
इनमें केरल (11.20 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (6.20 फीसदी), महाराष्ट्र (4.70 प्रतिशत), गोवा (4.40 फीसदी), नागालैंड (3.60 प्रतिशत), लद्दाख (2.90 फीसदी), पुडुचेरी (2.60 प्रतिशत) और चंडीगढ़ (2.10 फीसदी) शामिल हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक, तीन फरवरी तक 19,92,16,019 नमूनों की जांच की गई है। बुधवार को 7,42,841 नमूनों का परीक्षण किया गया है। प्रति 10 लाख की आबादी पर 1,44,359 नमूनों की जांच की गई है।
भूषण ने कहा, "अगर हम की गई जांच के आधार पर कोविड-19 के लिए नमूने के संक्रमित आने की दर को देखें तो यह चार अगस्त को 8.89 प्रतिशत थी जो चार फरवरी को 5.42 फीसदी हो गई। " उन्होंने कहा कि दो राज्यों--केरल और महाराष्ट्र में देश में संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों का 70 फीसदी मरीज हैं। केरल में 69,365 और महाराष्ट्र में 38,762 मरीज संक्रमण का उपचार करा रहे हैं। भूषण ने कहा कि 47 जिलों में बीते तीन हफ्तों से कोविड-19 का कोई नया मामला नहीं आया है जबकि 251 जिलों में इस अवधि में किसी की मौत नहीं हुई है।