नई दिल्ली। दिल्ली नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने स्पेशल ड्राइव अभियान चलाकर प्रतिबंधित दवाइयां बरामद की हैं। जब्त की गई प्रतिबंधित दवाइयों की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 12 करोड़ रुपए आंकी जा रही है। इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। ये दवाइयां अवैध तरीके से तस्करी कर विदेश भेजी जा रही थीं। खास बात ये है कि दवाओं की खरीद-फरोख्त डार्कनेट के जरिए की जाती थी।
इन देशों में भेजी जाती थीं प्रतिबंधित दवाएं
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने आगरा, बलिया और दिल्ली में छापेमारी कर इन 4 लोगों को प्रतिबंधित दवाइयां के साथ पकड़ा है। पकड़े गए आरोपियों के नाम के अग्रवाल, के गोयल, सोमदत्त और मनीष है। आरोप के मुताबिक, ये सभी प्रतिबंधित दवाओं की अवैध तरीके से खरीद-फरोख्त कर तस्करी के जरिए उन्हें अमेरिका ,ब्रिटेन ,यूरोप समेत कई देशों में भेजते थे। एनसीबी ने हरिद्वार की एक दवा कंपनी में छापेमारी कर 30 लाख से ज्यादा नशीली दवाइयां और 70 हजार खांसी के सीरप बरामद किए हैं, जिनकी कीमत करीब 12 करोड़ रुपए आंकी जा रही है।
हर्बल पैकिंग में छिपाकर भेजी जा रही थीं दवाएं
एनसीबी के मुताबिक, इस ऑपरेशन को 3 महीने में अंजाम दिया गया। जांच में पता चला है कि आगरा का कारोबारी के अग्रवाल इस तरह की दवाएं खरीदता था। जबकि आगरा का ही दवा विक्रेता के गोयल उन दवाओं को बेचता है। ये दवाएं हरिद्वार की एक दवा कंपनी से अवैध तरीके से आ रही थीं, जबकि इन दवाओं को बलिया का मनीष और दिल्ली का सोमदत्त अपनी पहचान छिपाकर विदेश भेजते थे। ये दवाएं हर्बल पैकिंग में छिपाकर भेजी जा रही थीं।
ऐसे मिला गैंग का सुराग
सबसे खास बात ये है कि दवाओं की खरीद-फरोख्त डार्कनेट के जरिए हो रही थी। वहीं से एनसीबी को इस गैंग का सुराग मिला। इस मामले में एनसीबी दवा कंपनी के मालिक की तलाश कर रही है। एनसीबी ने इस साल 90 लाख से ज्यादा प्रतिबंधित दवाइयां और 1 लाख खांसी के सीरप बरामद किए हैं। बता दें कि, डार्क नेट इंटरनेट दुनिया का ऐसा सीक्रेट संसार है, जहां कुछ ही ब्राउजर के जरिए पहुंचा जा सकता है और ये सर्च इंजन में भी नहीं आता है। नेट का ये खुफिया संसार काफी फैला हुआ है।