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Hindi News दिल्ली 20 साल पहले की हत्या, फिर बेचने लगा छोले-भटूरे, पकड़ने के लिए पुलिस ने लगाया आम का ठेला

20 साल पहले की हत्या, फिर बेचने लगा छोले-भटूरे, पकड़ने के लिए पुलिस ने लगाया आम का ठेला

दिल्ली पुलिस ने 20 साल से फरार हत्या के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। शख्स दिल्ली में हत्या की वारदात को अंजाम देकर फरार हो गया था और यूपी के मैनपुरी में छोले-भटूरे बेच रहा था।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE प्रतीकात्मक फोटो

दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो 20 साल पहले करवा चौथ के दिन दिल्ली में हुए एक अनाज व्यापारी के अपहरण और उसकी हत्या की वारदात में शामिल था। पुलिस के मुताबिक, 41 वर्षीय आरोपी नाम बदलकर उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में रह रहा था और वहां छोले-भटूरे का ठेला लगा रहा था। मजेदार बात ये है कि आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस ने भी कुछ ऐसा ही जाल बिछाया। आरोपी की पहचान पुख्ता करने के लिए एक पुलिसकर्मी को आम का ठेला लगाने वाला बनाकर भेजा गया। जब आरोपी की पहचान हो गई तो गिरफ्तार कर लिया। 

बीस साल से फरार इस आरोपी का असली नाम सिपाही लाल है, लेकिन यह मैनपुरी में गुरदयाल छोले वाला के नाम जाना जाता है। आरोपी ने 20 साल पहले अपने मालिक के साथ मिलकर दिल्ली के एक व्यापारी को प्रताड़ित किया था और फिर चाकू मारकर उसकी हत्या कर दी थी। पुलिस उपायुक्त (DCP, अपराध शाखा) राकेश पावरिया ने इस केस की जानकारी देते हुए बताया, "यह घटना 31 अक्टूबर 2004 की है। वह करवा चौथ का दिन था। उस दिन मुख्य आरपी ने अपने चार साथियों के साथ मिलकर फिरौती के लिए अनाज व्यापारी रमेश गुप्ता का अपहरण कर लिया। हालांकि, आरोपी फिरौती के लिए फोन नहीं कर सका और इसके बाद व्यापारी के चेहरे पर कई बार पेंट छिड़ककर और चाकू मारकर उनकी हत्या कर दी।"

घर नहीं लौटा व्यापारी

डीसीपी ने कहा, "दिल्ली के शकरपुर इलाके में रहने वाले रमेश चंद गुप्ता उस दिन किसी काम से अपनी कार में घर से निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। उनके परिवार के सदस्यों ने उनके मोबाइल फोन पर कई बार कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद उनके भाई जगदीश कुमार ने शालीमार बाग पुलिस स्टेशन में अपने भाई के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करवाई और भाई के लापता होने के पीछे एक स्थानीय फल और सब्जी व्यापारी मुकेश वत्स पर शक जताया।"

पीड़ित की कार बरामद हुई

पुलिस अधिकारी ने बताया, "2 नवंबर 2004 को एक टीम ने बहादुरगढ़ CIA पुलिस से पीड़ित की कार बरामद कर ली, लेकिन गुप्ता का कुछ पता नहीं चला, जबकि एक अन्य टीम ने मुकेश वत्स को गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि उसने अपराध में अपनी भूमिका स्वीकार कर ली थी।" वत्स ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि उसने अपने साथियों सिपाही लाल, शरीफ खान, कमलेश और राजेश के साथ मिलकर फिरौती के लिए रमेश गुप्ता का अपहरण किया था। मुख्य आरोपी मुकेश वत्स आजादपुर मंडी में सब्जी व्यापारी था और बाकी चार लोग उसके यहां काम करते थे। 

करवा चौथे के दिन मिलने को बुलाया

पुलिस ने आगे बताया कि करवा चौथ के दिन आरोपी मुकेश ने गुप्ता को मिलने के लिए बुलाया और कराला गांव के एक कमरे में ले गया। कमरे में अपने साथियों के साथ मिलकर उसने गुप्ता के चेहरे पर रंग छिड़कते हुए उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित किया। इस बीच, जब गुप्ता बेहोश हो गए, तो उनके शरीर पर कई बार चाकू से वार किए और यह सुनिश्चित करने के बाद कि वह मर चुके हैं, आरोपियों ने उनके शरीर को एक बोरे में डालकर बांधा और कराला गांव के एक नाले में फेंक दिया था।"

दो आरोपी फरार हो गए थे

अपराध के कबूलनामे के बाद पुलिस ने मुकेश, शरीफ खान और कमलेश को कराला गांव से गिरफ्तार करते हुए उनकी निशानदेही पर शव बरामद कर लिया था। हालांकि, इस दौरान सिपाही लाल और राजेश पुलिस की गिरफ्त से बाहर रहे, जिसके बाद शहर की एक अदालत ने दोनों को अपराधी घोषित कर दिया। जांच के बाद पुलिस ने मुकेश वत्स और उनके दो सहयोगियों शरीफ खान और कमलेश के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी, जिसके बाद शहर की एक अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

नाम बदलकर रहने की सूचना 

हाल ही में एक पुलिसकर्मी को आरोपी सिपाही लाल के यूपी में होने और नाम बदलकर रहने की सूचना मिली थी। अधिकारी ने बताया, "हमारी टीमें आरोपी का पता लगाने के लिए लगी हुई थीं। इसी बीच हमारे ASI सोनू नैन को गुप्त सूचना मिली कि आरोपी सिपाही लाल मैनपुरी में छिपा हुआ है और वहां के रामलीला मैदान में छोले-भटूरे बेच रहा है, जिसके बाद उसकी गतिविधियों का पता लगाने के लिए ASI नैन ने भी उसी इलाके में आम बेचना शुरू कर दिया और दो दिनों के बाद उसको पकड़ लिया। आरोपी सिपाही लाल वहां गुरदयाल छोले वाला के नाम से रह रहा था।" पुलिस ने कहा कि चौथे आरोपी राजेश की तलाश अभी भी जारी है। 

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