दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे के बाद मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के बेसमेंट में संचालित कोचिंग केंद्रों के सर्वे के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय में चल रही समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण कर सुरक्षा सुनिश्चित करें।
क्या बोले CM मोहन यादव?
सीएम मोहन यादव ने कहा, ''कल दिल्ली में ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए एक हादसे में बेसमेंट क्षेत्र में पानी भरने से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन युवाओं की असामयिक मृत्यु दु:खद और दर्दनाक है। इस घटना के प्रकाश में मध्यप्रदेश के बेसमेंट में संचालित कोचिंग केंद्रों के सर्वे के निर्देश दिए गए हैं। आज मंत्रालय भोपाल में एक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ये निर्देश दिए।''
प्रमुख सचिव राजस्व श्री निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशों के परिपालन में बैठक के दौरान ही प्रदेश में बेसमेंट में चल रहे कोचिंग के स्थानों में जल भराव होने पर जल निकासी की व्यवस्था देखने और सुरक्षित विद्युत व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दे दिए गए हैं। अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने बताया कि 16 नगर निगम कमिश्नर्स को निर्देश जारी कर कहा गया है कि वे अपने कार्यक्षेत्र में बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों और अन्य धर्मशालाओं और संस्थाओं का निरीक्षण कर प्रतिवेदन सौंपें।
दिल्ली में जगह-जगह चल रहा जानलेवा 'खेल'
बता दें कि ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में शनिवार को भारी बारिश के बाद एक कोचिंग सेंटर के 'बेसमेंट' में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे 3 अभ्यर्थियों की मौत हो गई। बेसमेंट में स्थित पुस्तकालय अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था और इसमें केवल एक ही प्रवेश और निकास बिंदु था जो बायोमेट्रिक आधारित था और पानी के कारण बंद हो गया था।एमसीडी के अधिकारियों ने दावा किया कि अगर बाहर निकलने का रास्ता खुला होता तो छात्र बच सकते थे।
इस हादसे ने राजधानी की उन तमाम कोचिंग सेंटर्स पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनके पुस्तकालय या कक्षाएं बेसमेंट में चल रहे हैं। अधिकतर कोचिंग सेंटर का बेसमेंट हाईकोर्ट के नियमों का पालन नहीं करता है, क्योंकि इसमें प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग द्वार नहीं हैं और हर साल वर्षा के कारण जलभराव से बेसमेंट में पानी भर जाता है।