नई दिल्ली: किसानों ने आज गणतंत्र दिवस के मौके पर कई जगह पर पुलिसकर्मियों पर हमला किया और जमकर उत्पात मचाया। प्रदर्शनकारी हाथ में डंडे लेकर पुलिसकर्मियों को दौड़ाते हुए भी दिखे। इस हिंसा में 83 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। दिल्ली के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार ने कहा कि ट्रैक्टर रैली में पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि उपद्रवियों ने इस दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया।
घायल पुलिसकर्मियों और किसानों का मध्य दिल्ली में आईटीओ चौराहे के पास लोक नायक अस्पताल में इलाज चल रहा है। दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रितु सक्सेना ने बताया कि कुछ के पैर, हाथ और सिर पर भी चोटें आई हैं और उन्हें आपातकालीन वार्ड में भर्ती किया गया हैं। उन्होंने कहा, "हालांकि, कोई भी गंभीर स्थिति में नहीं है।"
सक्सेना ने कहा कि उन्हें जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी, क्योंकि सभी की हालत स्थिर है। आईटीओ के पास दिल्ली पुलिस और आंदोलनकारी किसानों के बीच झड़प ने हिंसक रुप ले लिया। इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।
इससे पहले एएनआइ से बातचीत करते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि कई दौर की बैठकों के बाद ट्रैक्टर रैली के लिए समय और मार्गों को अंतिम रूप दिया गया था लेकिन उपद्रवी प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टरों से बैरिकेड को तोड़ दिया और निर्धारित किए गए समय से पहले दिल्ली मे घुस गए। उपद्रवियों ने पुलिस पर हमला भी किया। इससे कई पुलिस कर्मी घायल हो गए।
गौरतलब है कि सोमवार सुबह टीकरी बार्डर पर जमे किसानों ने पुलिस के लाख अनुरोध के बावजूद बैरिकेड को तय समय से सवा घंटे पहले करीब पौने नौ बजे तोड़कर आगे बढ़ने लगे। किसान दिन भर आपसी सहमति से बने रूट की धज्जियां उड़ाते हुए दिल्ली के भीतरी इलाकों में पहुंचने में कामयाब रहे। बाहरी से लेकर पश्चिमी दिल्ली तक की सड़कें पूरी तरह किसानों के कब्जे में रहीं।
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