दिल्ली में नवरात्रि के दौरान मांस की दुकानें बंद रखने के महापौरों के निर्देश के एक दिन बाद बुधवार को भी दुकानें खुलीं। दुकान मालिकों ने कहा कि अभी इस संबंध में सरकारी आदेश जारी नहीं हुआ है। दक्षिण और पूर्वी दिल्ली के महापौरों ने मंगलवार को मांस की दुकान के मालिकों को नवरात्रि के दौरान दुकानें बंद रखने का निर्देश दिया था, लेकिन इसके बावजूद इस संबंध में कोई सरकारी आदेश जारी नहीं किया गया है।
महापौरों ने दावा किया था कि नवरात्रि के दौरान ज्यादातर लोग मांसाहारी भोजन नहीं करते। हालांकि महापौरों के पास इस तरह के आदेश जारी करने का अधिकार नहीं होता। केवल नगर आयुक्त ही ऐसे आदेश जारी कर सकता है। दिल्ली मीट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष यूनुस इदरीस कुरैशी ने कहा कि दिल्ली में मांस का कारोबार पहले की तरह चल रहा है क्योंकि इस संबंध में कोई सरकारी आदेश जारी नहीं किया गया है।
नवरात्रि के दौरान मांस की बिक्री प्रभावित होती है- उन्होंने कहा, नवरात्रि के दौरान वैसे भी मांस की बिक्री प्रभावित होती है। हर साल नवरात्रि के दौरान मांस की बिक्री 20-25 प्रतिशत तक कम हो जाती है। हमें अपनी दुकानें बंद करने के लिए कोई आधिकारिक आदेश नहीं मिला है, इसलिए हमारा व्यवसाय पहले की तरह चल रहा है। महापौर का अनुरोध राजनीति से प्रेरित है। जामिया नगर, जाकिर नगर और आईएनए समेत दक्षिणी दिल्ली के दुकानदारों ने कहा कि अगर कोई सरकारी आदेश आता है तो वे अपनी दुकानें बंद कर देंगे।
अधिकारियों की कार्रवाई के डर से मांस के कई बाजार मंगलवार को बंद रहे थे। बुधवार को आईएनए बाजार में मांस की दुकानें खुली मिलीं। बाजार में करीब 40 दुकानें हैं। आईएनए में बॉम्बे फिश शॉप के प्रबंधक संजय कुमार ने कहा: 'सभी दुकानें खुली हैं। कल हमने उन्हें बंद कर दिया था क्योंकि डर था कि हमारे खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हम मंगलवार शाम तक सरकारी आदेश आने की उम्मीद कर रहे थे। अभी तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है, इसलिए हमने दुकानें खोल दी हैं।'
कुमार ने कहा कि ज्यादातर दुकानदार आधिकारिक आदेश का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'आदेश आते ही हम इन दुकानों को बंद कर देंगे।'