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Hindi News दिल्ली सीएम केजरीवाल के जेल में रहने तक टल सकता है दिल्ली मेयर का चुनाव, जानिए क्या है वजह?

सीएम केजरीवाल के जेल में रहने तक टल सकता है दिल्ली मेयर का चुनाव, जानिए क्या है वजह?

Delhi Liquor Scam Case: दिल्ली में मेयर का चुनाव की संभावना कम ही लग रही है, क्योंकि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मौजूदा मेयर और डिप्टी मेयर को अगले चुनाव तक पद पर बने रहने के लिए कहा है। जानिए वजह

delhi cm arvind kejriwal- India TV Hindi Image Source : PTI जेल में हैं दिल्ली के सीएम केजरीवाल

दिल्ली शराब घोटाला केस में फंसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद हैं और उनके जेल में रहने तक दिलली में मेयर का चुनाव टल सकता है। इसकी वजह ये सामने आ रही है कि पीठासीन अधिकारी नामित करने का अधिकार भले ही उपराज्यपाल के पास है, लेकिन मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी किसे नामित करना है, इसके लिए सीएम का सुझाव जरूरी है। उप-राज्यपाल सक्सेना ने कहा कि सीएमओ से मिली जानकारी के मुताबिक कार्यालय पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति वाली फाइल मुख्यमंत्री तक भेजने और उनसे संवाद करने में असमर्थ है। इधर, निगम सचिव कार्यालय ने जानकारी दी है कि मेयर डॉ शैली ओबरॉय जब भी चाहें मेयर चुनाव की अगली तारीख दे सकती हैं।

सीएम की राय जरूरी है

पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के बारे में 22 अप्रैल को मुख्य सचिव ने फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी थी। यह फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय ने यह कहकर वापस कर दी कि मुख्यमंत्री अभी न्यायिक हिरासत में हैं और ऐसे में मुख्यमंत्री कार्यालय इस स्थिति में नहीं है कि मुख्यमंत्री के सामने इस फाइल को भेज पाए या इस संबंध में संवाद स्थापित कर सके। डीएमसी एक्ट के सेक्शन 77A के तहत विषय से संबंधित फाइल को मुख्यमंत्री उपराज्यपाल के मुख्य सचिव को भेजते हैं। साथ ही GNCTD एक्ट भी कहता है कि किसी विषय पर सिर्फ मुख्यमंत्री की राय ही मायने रखती है।

एलजी ने दिया है ये निर्देश

बता दें कि अरविंद केजरीवाल के जेल में होने से दिल्ली के मुख्य सचिव को संबंधित फाइल एलजी कार्यालय को भेजनी पड़ी थी और पीठासीन अधिकारी नामित नहीं होने के कारण 26 अप्रैल को होने वाला मेयर का चुनाव नहीं हो पाया था। अब मौजूदा मेयर ही जिम्मेदारियों का निर्वहन करती रहेंगी क्योंकि उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने मौजूदा मेयर और डिप्टी मेयर को अगले चुनाव तक पद पर बने रहने के लिए कहा है।एलजी ने कहा कि मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति बेहद जरूरी होती है और पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति बिना मुख्यमंत्री की राय/सुझाव के नहीं हो सकती है।