A
Hindi News दिल्ली दिल्ली सरकार में फिर मंत्री बनेंगे मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज बोले- बाहर आकर कार्यभार संभालेंगे

दिल्ली सरकार में फिर मंत्री बनेंगे मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज बोले- बाहर आकर कार्यभार संभालेंगे

सौरभ भारद्वाज के अलावा अतिशी सिंह ने भी कहा है कि सिसोदिया दिल्ली सरकार को सही तरीके से चलाएंगे। इससे साफ है कि सिसोदिया अपना कार्यभार संभालने वाले हैं।

Manish Sisodiya- India TV Hindi Image Source : PTI मनीष सिसोदिया

मनीष सिसोदिया जमानत मिलने के बाद दोबारा दिल्ली सरकार में शामिल होंगे और अपना कामकाज संभालेंगे। सिसोदिया को 17 महीने बाद जमानत मिली है। दिल्ली सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शराब नीति घोटाले में जेल में हैं। दिल्ली सरकार के दो सबसे बड़े नेता जेल में होने से आम आदमी पार्टी की सरकार ठीक से काम नहीं कर पा रही थी। ऐसे में सिसोदिया को जमानत मिलते ही पार्टी के नेता उनसे कामकाज संभालने की बात कह रहे हैं।

सिसोदिया को जमानत मिलने के बाद सबसे पहले मंत्री अतिशी ने उम्मीद जताई कि वह दिल्ली सरकार का संचालन सही तरीके से करने में अहम योगदान देंगे। इसके बाद दूसरे मंत्री सौरभ भारद्वाज ने साफ कर दिया कि मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार की कैबिनेट में शामिल होंगे और फिर से अपना कामकाज संभालेंगे। सिसोदिया दिल्ली सरकार के सबसे अहम मंत्री थे। अधिकतर बड़े मंत्रालय सिसोदिया के हिस्से में ही थे।

17 महीने बाद मिली जमानत

दिल्ली में शराब नीति से जुड़े कथित घोटाले में सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया गया था। इसके 530 दिन बाद वह जेल से बाहर आएंगे। हालांकि, जमानत के दौरान उन्हें कई शर्तों का पालन करना होगा। अदालत ने सिसोदिया को दो जमानतदारों के साथ 10 लाख रुपये का जमानत बांड भरने, अपना पासपोर्ट जमा करने और सप्ताह में दो बार सोमवार और गुरुवार को सुबह 10 से 11 बजे के बीच जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि वह गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों से छेड़छाड़ करने का प्रयास नहीं करेंगे। 

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

हाई कोर्ट ने यह कहकर सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी कि वह पहले भी अपने पद का दुरुपयोग कर चुके हैं। ऐसे में वह जेल से बाहर आने पर सबूतों और गवाहों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने माना कि इस मामले से जुड़े अधिकतर सबूत जांच एजेंसी के पास हैं। ऐसे में सबूतों से छेड़छाड़ का मामला भी नहीं बनता। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि निचली अदालतों को यह ध्यान रखना चाहिए कि जमानत एक नियम है और इनकार एक अपवाद है।

(दिल्ली से अनामिका गौड़ की रिपोर्ट)

यह भी पढ़ें-

530 दिन बाद जेल से बाहर आएंगे मनीष सिसोदिया, लेकिन जमा होगा पासपोर्ट, इन शर्तों पर मिली है जमानत

मनीष सिसोदिया के 17 महीने का हिसाब कौन देगा? सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद बोले संजय सिंह