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Hindi News दिल्ली मनीष सिसोदिया के 17 महीने का हिसाब कौन देगा? सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद बोले संजय सिंह

मनीष सिसोदिया के 17 महीने का हिसाब कौन देगा? सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद बोले संजय सिंह

दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि यह एक बड़ी जीत है।

संजय सिंह, सांसद, आम...- India TV Hindi Image Source : ANI संजय सिंह, सांसद, आम आदमी पार्टी

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने पर कहा कि यह बेहद राहत की खबर है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मनीष सिसोदिया के बाद अब अरविंद केजरीवाल को भी जल्द जमानत मिलेगी। उन्होंने कहा कि जो 17 महीने मनीष सिसोदिया ने जेल में बिताए, उनका हिसाब कौन देगा?

 कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा 

संजय सिंह ने कहा कि यह एक बड़ा फैसला है। इससे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है। उन्होंने कहा कि पिछले 17 महीने से वह जेल में थे और इस दौरान वे विकास का काफी काम कर सकते थे, लेकिन एक साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया और दिल्ली के विकास को प्रभावित करने की कोशिश की गई।

केजरीवाल और सत्येंद्र जैन के लिए न्याय का रास्ता खुलेगा

संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली के लोगों के लिए, आम आदमी पार्टी के एक-एक कार्यकर्ता के लिए यह राहत की खबर है। खास तौर पर अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन के लिए न्याय की रास्ता जल्द खुलेगा। उन्होंने आगे कहा कि 17 महीने मनीष सिसोदिया की जिंदगी के बर्बाद हुए। योग्य शिक्षा मंत्री के तौर पर मनीष सिसोदिया दिल्ली के लोगों को सेवाएं दे सकते थे, उन 17 महीनों का हिसाब कौन देगा। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी का एक ही मकसद है कि विपक्ष के लोगों को पकड़-पकड़कर जेल में डालो।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया को जमानत दी दे दी है। कोर्ट ने कहा कि वह 17 महीने से हिरासत में हैं। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि सिसोदिया 17 माह से हिरासत में हैं और अभी तक मामले की सुनवाई शुरू नहीं हुई है जिससे वह शीघ्र सुनवाई के अधिकार से वंचित हुए हैं। अदालत ने कहा कि इन मामलों में मनीष सिसोदिया को जमानत के लिए निचली अदालत भेजना ठीक नहीं होगा। 

शीर्ष अदालत ने कहा कि वक्त आ गया है कि निचली अदालतें और हाईकोर्ट इस बात को समझें कि जमानत नियम है और जेल अपवाद। पीठ ने सिसोदिया को 10 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानतों पर रिहा किए जाने का निर्देश दिया। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए गिरफ्तार किया था। बाद में यह नीति रद्द कर दी गई थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें धनशोधन के मामले में नौ मार्च 2023 को गिरफ्तार किया था। धनशोधन का यह मामला सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़ा था। सिसोदिया ने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। उनके पास शिक्षा मंत्रालय का भी प्रभार था। सिसोदिया ने जमानत दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा था कि वह 17 माह से हिरासत में हैं और उनके खिलाफ मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हुआ है। ईडी और सीबीआई ने उनकी जमानत याचिका का विरोध किया।