दिल्ली सरकार की नई शराब नीति पर मनीष सिसोदिया से सीबीआई ने करीब 9 घंटों तक पूछताछ की। हालांकि, पूछताछ के बाद बाहर आने पर मनीष ने कहा कि मैंने CBI कार्यालय में देखा कि किसी भी घोटाले (आबकारी नीति का मामला) का कोई मुद्दा नहीं है। 9 घंटे की पूछताछ में मैं समझ गया कि सारा केस फर्जी है। यह मामला मेरे खिलाफ घोटाले की जांच के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली में ऑपरेशन लोटस को सफल बनाने के लिए है।
दोबारा पूछताछ के लिए बुलाए जा सकते हैं मनीष सिसोदिया
9 घन्टे की पूछताछ के बाद मनीष सिसोदिया को जाने दिया गया। हालांकि, आगे जरूरत पड़ने पर मनीष को दोबारा समन दिया जा सकता है। लेकिन अभी कल तक के लिए मनीष सिसोदिया को कोई समन नहीं दिया गया है। सीबीआई आज के बयानों को क्रॉस वेरिफाई करेगी।
9 घंटे चली पूछताछ
केजरीवाल सरकार की शराब नीति को लेकर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से CBI सुबह 11 बजे से पूछताछ कर रही थी। मनीष सुबह 11 बजकर 13 मिनट पर CBI हेडक्वाटर पहुंचे थे, एंट्री के बाद सीबीआई हेडक्वाटर में उनसे 11:30 बजे से पूछताछ शुरू हुई। बीच मे आधे घन्टे का उन्हें लंच ब्रेक दिया गया था। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक सबसे पहले सिसोदिया के घर पर जो बयान हुए थे, उसकी कॉपी उन्हें दिखाई गई। इसके बाद विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली जो हैदराबाद का व्यापारी है, जिन्हें हाल ही में गिरफ्तार किया गया था, उनके बारे में मनीष सिसोदिया से पूछताछ हुई।
पूछे गए ये सवाल
विजय नायर और अभिषेक आबकारी की नई नीति बनाने वाली मीटिंग्स में हमेशा शामिल होते थे, इस बात की जानकारी मनीष सिसोदिया को होती थी, लिहाजा इनके रिश्तों को लेकर पूछताछ हुई। दिनेश अरोड़ा की कंपनी राधा इंडस्ट्री में समीर महेन्द्र के जरिए भेजे जाने वाले 1 करोड़ रुपए की ट्रांजेक्शन के बारे में पूछा गया। अभी तक कि पूछताछ में विजय नायर, अभिषेक का एक्साइज की मीटिंग्स में शामिल होना और उनका एक्साइज के अफसरों को प्रलोभन देकर मनचाहे शराब कारोबारी को लाइसेंस दिलवाने को लेकर पूछताछ हुई है।