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Hindi News दिल्ली मनीष सिसोदिया ने फिर किया सुप्रीम कोर्ट का रुख, रिव्यू पिटीशन दाखिल की

मनीष सिसोदिया ने फिर किया सुप्रीम कोर्ट का रुख, रिव्यू पिटीशन दाखिल की

दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने समीक्षा याचिका दाखिल की है। दिल्ली शराब घोटाले में सीबीआई ने उन्हें फरवरी में गिरफ्तार किया था।

Manish Sisodia- India TV Hindi Image Source : PTI मनीष सिसोदिया, पूर्व डिप्टी सीएम दिल्ली सरकार

नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद एक बार फिर रिव्यू पिटीशन दाखिल की है। दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तारी के बाद से वे जेल में है। अब सिसोदिया ने जमानत से इनकार वाले आदेश की समीक्षा के लिए शीर्ष न्यायालय का रुख किया है। शीर्ष अदालत ने 30 अक्टूबर को उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि शराब के थोक ‘डीलर’ को 338 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाने के आरोप का साक्ष्य अस्थायी रूप से समर्थन करता है। 

338 करोड़ रुपये की रकम अपराध से हासिल की गई आय 

जस्टिस संजीव खन्ना एवं जस्टिस एस.वी.एन.भट्टी की पीठ ने कहा था, "हालांकि, पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत दायर शिकायत में एक स्पष्ट आधार या आरोप है, जो प्रत्यक्ष कानूनी चुनौती से मुक्त है, और कथित आरोप सबूतों द्वारा अस्थायी रूप से समर्थित हैं।" इसने सीबीआई के आरोपपत्र का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि थोक वितरकों द्वारा अर्जित 7 प्रतिशत कमीशन/फीस के रूप में 338 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत परिभाषित अपराध है, जो एक लोक सेवक को रिश्वत दिये जाने से संबंधित है। पीठ ने कहा कि ईडी की शिकायत के अनुसार, 338 करोड़ रुपये की रकम अपराध से हासिल की गई आय है। 

साजिश में सिसिदिया की संलिप्तता प्रमाणित

अदालत ने यह भी कहा था, ‘‘यह राशि थोक वितरकों द्वारा दस महीनों की अवधि में अर्जित की गई थी। इस आंकड़े पर विवाद या चुनौती नहीं दी जा सकती है। इस प्रकार नई आबकारी नीति का उद्देश्य कुछ चुनिंदा थोक वितरकों को अप्रत्याशित लाभ देना था, जो बदले में रिश्वत देने के लिए सहमत हुए थे। पीठ ने सीबीआई(केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) के आरोप-पत्र पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि अपीलकर्ता मनीष सिसोदिया की साजिश और संलिप्तता पूरी तरह से स्थापित हो चुका है।’’ 

फरवरी में सीबीआई ने किया था गिरफ्तार

सीबीआई ने सिसोदिया को  इस घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिये 20 फरवरी को गिरफ्तार किया था । दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को यह नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया। जांच एजेंसियों के मुताबिक, नयी नीति के तहत थोक विक्रेताओं का मुनाफा पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया था। (इनपुट-भाषा)