नई दिल्ली. दिल्ली में कोरोना की नई लहर ने प्रचंड रूप ले लिया है। दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के दस हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद राजधानी में फिर से लॉकडाउन को लेकर चर्चाएं होने लगी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम लॉकडाउन नहीं लगाना चाहते हैं लेकिन कल सरकार ने मजबूरी में कुछ पाबंदियों के आदेश दिए हैं। इस वक़्त का पीक नवंबर से भी खतरनाक है। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली में लॉकडाउन के पक्ष में नहीं, लॉकडाउन कोरोना से जूझने का समाधान नहीं है, अभी अस्पताल की व्यवस्था हमारे कंट्रोल में है।
अरविंद केजरीवाल ने लोगों से कहा कि आपका सहयोग चाहिए, अगर आपका सहयोग मिलता रहा और अस्पताल की व्यवस्था काबू में रही तो लॉकडाउन की जरूरत नहीं पड़ेगी लेकिन अगर अस्पतालों की व्यवस्था कंट्रोल से बाहर हो गई तो लॉकडाउन लगाना पड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें कोरोना को हराने के लिए उससे ज्यादा स्पीड से वैक्सिनेशन शुरू करना चाहिए। हमारी वैक्सिनेशन की गति बहुत धीमी है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली की तरफ से उन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि जितने भी प्रतिबंध लगाए हुए हैं उन्हें हटा लिया जाए। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार घर-घर जाकर लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए तैयार है। 3 महीने में पूरी दिल्ली को टीका लगवा देंगे लेकिन प्रतिबंध हटा दीजिए। दिल्ली में 65 प्रतिशत मरीज 35 साल से कम उम्र के लोग सामने आ रहे हैं लेकिन उन्हें अभी वैक्सीन नहीं दिया जा सकता।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के 65% मरीज़ 45 साल से कम उम्र के हैं, फिर कोरोना रूकेगा कैसे? कोरोना का चक्र तब ही टूटेगा जब वैक्सीनेशन होगा। केंद्र सरकार ने बहुत पाबंदियां लगा रखी हैं मेरा केंद्र से निवेदन है कि वो पाबंदियां हटा दें। उन्होंने कहा कि ऐसा एक्सपर्ट का कहना है कि वैक्सीन लगाने के बावजूद आपको कोरोना फिर हो सकता है लेकिन वह सीरियस नहीं होगा। उन्होंने बताया कि हमने दिल्ली में टेस्ट बहुत बढ़ा दिए हैं, पिछले कुछ दिनों से 1.10 लाख टेस्ट रोज हो रहे हैं। रात दिन लोग काम कर रहे हैं।