Liquor Shops News: दिल्ली में शराब को लेकर जंग चल रही है। एक तरफ विपक्ष केजरीवाल सरकार की नई शराब नीति को लेकर सरकार पर हमलावर है वहीं उपराज्यपाल ने इस नीति की जांच सीबीआई को सौंप दी। जिसके बाद कल शनिवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति को वापस लेने का ऐलान किया। जिससे दिल्ली में 1 अगस्त से पुराणी शराब नीति लागू हो जाती। सरकार को अंदेश है कि इससे राज्य में शराब की किल्लत बढ़ेगी। जिसके बाद अब केजरीवाल सरकार नई शराब नीति को 1 महीने और बढ़ाने पर विचार कर रही है।
1 महीने और बढ़ सकता है निजी ठेकों का लाइसेंस
दिल्ली सरकार एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने बताया कि, ‘‘शराब की निजी दुकानों को बंद करने और सरकारी ठेके खोलने के लिए जरूरी समय के कारण अव्यवस्था के मद्देनजर 2021-22 की नीति के विस्तार को लेकर जल्द ही दिल्ली मंत्रिमंडल के सामने एक प्रस्ताव पेश किए जाने की संभावना है।’’ शहर में संचालित शराब की 468 निजी दुकानें 31 जुलाई को लाइसेंस की अवधि और नयी आबकारी नीति समाप्त होने के बाद एक अगस्त से बंद हो जाएंगी। आबकारी नीति को बदलने की घोषणा के बाद निजी तौर पर संचालित शराब की दुकानों ने शनिवार को अपने स्टॉक को खत्म करने के लिए ‘एक खरीदें-दो मुफ्त पाएं’ जैसी योजनाओं की पेशकश की, जिससे शराब की दुकानों पर भीड़ उमड़ पड़ी।
अव्यवस्था से बचने के लिए सरकार ले सकती है फैसला
नई नीति के खत्म होने के साथ शहर में निजी तौर पर संचालित शराब की दुकानों के अलावा होटल, क्लब और बार वाले रेस्तराओं तथा थोक संचालन के लिए जारी किए गए उत्पाद लाइसेंस भी खत्म हो जाएंगे। शराब व्यापार विशेषज्ञों के अनुसार, इसका मतलब है कि 31 जुलाई के बाद जब तक सरकार द्वारा कुछ वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जाती, तब तक थोक विक्रेताओं से पूरे आतिथ्य क्षेत्र और खुदरा विक्रेताओं को शराब की आपूर्ति नहीं होगी। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने नयी आबकारी नीति वापस ले ली है और केवल सरकारी दुकानों से शराब बेचने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सरकारी शराब की दुकानों के खुलने से पहले इस अवधि में शहर में कोई अव्यवस्था न हो और साथ ही अवैध शराब की बिक्री पर भी लगाम लगे।
Image Source : fileLiquor Shops News
नई आबकारी नीति को वापस लिए जाने के बाद शहर में शराब की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए की जा रही व्यवस्थाओं के बारे में दिल्ली सरकार या उसके आबकारी विभाग की ओर से कोई जवाब नहीं आया। नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) के अध्यक्ष कबीर सूरी ने कहा कि उभरती स्थिति पर ‘स्पष्टता की कमी’ है और दिल्ली सरकार के भावी निर्देशों के बाद ही चीजें साफ होंगी। आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों के चलते उपराज्यपाल द्वारा CBI की जांच की सिफारिश किए जाने के मद्देनजर शहर में शराब की पूरी आपूर्ति श्रृंखला के बाधित होने की आशंका है।