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Hindi News दिल्ली केजरीवाल से नहीं मिल पाए संजय सिंह, पूछा-दिल्ली का तिहाड़ जेल है या हिटलर का गैस चैंबर?

केजरीवाल से नहीं मिल पाए संजय सिंह, पूछा-दिल्ली का तिहाड़ जेल है या हिटलर का गैस चैंबर?

आप नेता संजय सिंह ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है और पूछा है कि केजरीवाल का कसूर क्या है, दिल्ली का तिहाड़ जेल है या हिटलर का गैस चैंबर। देश में तानाशाही चल रही है।

aap leader sanjay singh- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO संजय सिंह ने पूछा सवाल

दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल को अबतक राहत नहीं मिल सकी है और वे तिहाड़ जेल में बंद हैं। उनसे आप नेता संजय सिंह और पंजाब के सीएम भगवंत मान आज मिलने जाने वाले थे लेकिन जेल प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए उनके सीएम केजरीवाल से मुलाकात को खारिज कर दिया। इसपर संजय सिंह ने पूछा कि तिहाड़ जेल है या हिटलर का गैस चेैंबर, अजीब सी तानाशाही चल रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि आखिर केजरीवाल का जुर्म क्या है, ये तो बताएं।

आम आदमी पार्टी की अहम बैठक

मिल रही जानकारी के मुताबिक सीएम अरविंद केजरीवाल के घर पर बड़ी बैठक होगी। दोपहर एक बजे ये बैठक होने वाली है, इस बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी शामिल होंगी। बैठक में संदीप पाठक, संजय सिंह, सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय और जैस्मीन शाह भी होंगे। इस मीटिंग में आम आदमी पार्टी की तरफ से लोकसभा चुनाव में आगे की रणनीति को लेकर चर्चा होगी। 

इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ अर्जी डाली थी। अब केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इससे पहले राउज एवेन्यू कोर्ट  ने भी केजरीवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने अपने वकीलों से सप्ताह में पांच दिन मिलने की अनुमति देने की मांग की थी। 

केजरीवाल की बढ़ेंगी मुश्किलें

दिल्ली शराब घोटाला मामले में अब हाई कोर्ट केजरीवाल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच को भी समर्थन दे सकता है और ईडी को इसकी जांच आगे बढ़ाने के लिए तैयार है।  कथित शराब घोटाला मामले में तेजी से सुनवाई करने की योजना तैयार की जा रही है। सूत्रों ने कहा कि योजना में अगले दो महीनों के भीतर केजरीवाल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करना और विशेष पीएमएलए अदालत से शीघ्र आरोप तय करने की अनुमति मांगना शामिल है ताकि मुकदमा शुरू हो सके।