आम आदमी पार्टी ने रविवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के.सक्सेना पर आरोप लगाया कि वह ‘गैर कानूनी’ तरीके से भाजपा कार्यकर्ताओं को सलाहकारों के रूप में एमसीडी में ‘नॉमिनेट’ कर रहे हैं। संवाददाता सम्मेलन में आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 243 आर और एस कहता है कि ये वैसे लोग होने चाहिए ‘जिनके पास नगर निगम से जुड़े मामलों का विशेष ज्ञान और विशेषज्ञता हो।’
उन्होंने कहा कि लेकिन एमसीडी के लिए चुने 10 सलाहकारों को बहुत कम अनुभव है और सभी भाजपा कार्यकर्ता हैं। उन्होंने उपराज्यपाल से सवाल किया, ‘आप इन पदों के लिए नामित किए गए लोगों से इन विशेषज्ञताओं को पूरा करने की आशा करते हैं?’ भारद्वाज ने कहा, ‘उपराज्यपाल सामान्य तौर पर मीडिया के सामने नैतिक रूप से सही होने की बात करते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के खिलाफ वे लोग जिस भाषा का उपयोग कर रहे हैं वह बहुत खराब है।’
गौरतलब है कि एमसीडी चुनाव में जिस दिन मेयर का चुनाव होना था, उस दिन दिल्ली का सिविक सेंटर अखाड़ा बन चुका था। हंगामा इस हद तक बढ़ गया कि MCD का सदन स्थगित हो गया और मेयर के लिए वोटिंग नहीं हो पाई। बीजेपी और आप पार्षदों के बवाल के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। हंगामे के दौरान AAP-BJP पार्षदों के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई और नौबत मारपीट तक आ गई थी।
10 मनोनीत पार्षदों के शपथ ग्रहण का विरोध
दरअसल, ये हंगामा उस वक्त शुरू हुआ था जब 10 मनोनीत पार्षदों को शपथ ग्रहण की तैयारी चल रही थी। AAP के पार्षदों ने इसके विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। आम आदमी पार्टी 10 पार्षदों को मनोनीत करने के एलजी के फैसले का विरोध कर रही थी। AAP का कहना है कि एलजी ने दिल्ली सरकार को नजरअंदाज कर 10 लोगों को पार्षद यानि कि एल्डरमैन मनोनीत किया है। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि बीजेपी मनोनीत सदस्यों को वोटिंग का अधिकार देने की साज़िश कर रही है।