दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार और एलजी के बीच हमेशा ठनी रहती है। दिल्ली के सीएम अरविंदे केजरीवाल ने एक बार फिर एलजी विनय सक्सेना पर निशाना साधा है। केजरीवाल ने एलजी पर हमला बोलते हुए कहा कि 'लेफिटनेंट गवर्नर हमारे हैडमास्टर नहीं हैं, जो हमारा होमवर्क जांचेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें तो हमारे प्रस्तावों पर सिर्फ 'यस' या 'नो' में जवाब देना चाहिए। एलजी की कथित दखलंदाजी के विरोध में केजरीवाल ने एलजी के घर तक सोमवार को मार्च भी किया।
दरअसल, दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल और एलजी विनय सक्सेना के बीच 'अथॉरिटी' को लेकर हमेशा चलने वाली जंग थम नहीं रही है। शुक्रवार को ही केजरीवाल ने एलजी विनय सक्सेना से बात की थी और टकराव को सुलझाने की कोशिश की थी। लोकिन बात बनी तो नहीं, लेकिन बिगड़ जरूर गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केजरीवाल ने आरोप लगाया कि दिल्ली गवर्नमेंट के कामों को जानबूझकर रोक दिया जाता है। इस बार एलजी और केजरीवाल के बीच टकराव की वजह दिल्ली सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को फिनलैंड भेजने की योजना है। बताया जाता है कि इस योजना को एलजी ने कथित तौर पर खारिज कर दिया है।
केजरीवाल ने एलजी के घर तक किया मार्च
सीएम केजरीवाल ने इस मुद्दे पर सोमवार को एलजी के घर तक मार्च किया और दिल्ली सरकार के कामों में एलजी के कथित दखलंदाजी पर अपना विरोध जताया। इस दौरान दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी उनके साथ थे। सोमवार को दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही खत्म हो जाने के बाद AAP ने इस मार्च को निकाला।
एलजी साहब शिक्षकों को फिनलैंड जाने दो
अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया समेत कई कार्यकर्ता सोमवार को बैनर लेकर एलजी विनय सक्सेना के घर प्रदर्शन करने पहुंचे। इस बैनर में लिखा हुआ था, 'एलजी साहब शिक्षकों को फिनलैंड जाने दो, एलजी साहब शिक्षकों को ट्रेनिंग करने दो।' केजरीवाल और मनीष सिसोदिया एलजी से मिलना चाहते थे। एलजी उनसे मिलने के लिए तैयार भी हो गए। लेकिन केजरीवाल सभी विधायकों सहित उनसे मिलना चाहते थे, इसलिए मुलाकात नहीं हो सकी।