दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर नया कानून: 5 साल जेल और 1 करोड़ जुर्माना, जानिए पूरी खबर
केंद्र सरकार ने प्रदूषण को लेकर बुधवार रात एक अध्यादेश जारी किया जिसमें प्रदूषण फैलानेवालों पर एक करोड़ तक का जुर्माना और पांच साल तक की सजा का प्रवाधान है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने प्रदूषण को लेकर बुधवार रात एक अध्यादेश जारी किया जिसमें प्रदूषण फैलानेवालों पर एक करोड़ तक का जुर्माना और पांच साल तक की सजा का प्रवाधान है। इस अध्यादेश को बुधवार की रात राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी। इस अध्यादेश में दिल्ली-एनसीआर और दिल्ली से सटे राज्यों, हरियाणा, पंजाब, यूपी और राजस्थान में एयर क्वालिटी मैनेजमेंज के लिए एक आयोग गठित करने का प्रावधान है।
आयोग को पर्यावरण प्रदूषण रोकने के लिए व्यापक अधिकार दिए गए हैं। आयोग के पास किसी भी परिसर का निरीक्षण करने, प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों को बंद करने और बिजली और पानी की आपूर्ति बंद करने का आदेश जारी करने का भी अधिकार होगा। वायु प्रदुषण से जुड़े किसी आदेश या निर्देश का उल्लंघन करने पर 5 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना आयोग लगा सकता है।
18 सदस्यीय इस आयोग का एक पूर्णकालिक प्रमुख होगा जो कि केंद्र सरकार में सचिव स्तर का अधिकारी या फिर राज्य में मुख्य सचिव स्तर का अधिकारी होगा। 18 में से 10 सदस्य ब्यूरोक्रैट्स होंगे जबकि बाकी के सदस्य एक्सपर्ट्स और एक्विटविस्ट होंगे।
पर्यावरण मंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति इस आयोग के सदस्यों का तीन साल के लिए चयन करेगी। चयन समिति में पर्यावण मंत्री के अलावा तीन अन्य मंत्री और कैबिनेट सचिव होंगे।
वायु प्रदूषण को लेकर यह आयोग तीन व्यापक क्षेत्रों पर नजर रखेगा। ये तीन क्षेत्र वायु प्रदूषण की निगरानी, कानूनों को लागू करान और रिसर्च एवं नए प्रयोगों से जुड़े होंगे। आयोग तीन अलग-अलग क्षेत्रों की समीक्षा और जांच के लिए उप-समितियों की स्थापना करेगा।
यह आयोग दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता को खराब करने वाले कारक जैसे- पराली जलाने, वाहनों के प्रदूषण, धूल प्रदूषण और अन्य सभी मुद्दों पर गौर करेगा। आयोग अपनी वार्षिक रिपोर्ट संसद को प्रस्तुत करेगा।
इस आयोग के गठन का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि केंद्र सरकार ने इस आयोग के साथ सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त EPCA और अन्य सभी निकायों को बदलने का प्रस्ताव दिया है। अब इस आयोग पर दिल्ली-एनसीआर के वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर विशेष अधिकार होगा।