नई दिल्ली: दिल्ली के छतरपुर के विधायक करतार सिंह तंवर की विधायकी चली गई है। अधिकारियों ने बताया कि तंवर की दिल्ली विधानसभा की सदस्यता विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने दलबदल विरोधी कानून के तहत समाप्त कर दी। तंवर 2020 के विधानसभा चुनाव में छतरपुर निर्वाचन क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुने गए थे। उन्होंने इस साल पार्टी छोड़ दी और एक अन्य विधायक राजकुमार आनंद के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। पटेल नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक आनंद ने केजरीवाल सरकार में समाज कल्याण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और अप्रैल में पार्टी छोड़ दी।
मंगलवार को जारी हुई अधिसूचना
बता दें कि आनंद को विधानसभा अध्यक्ष पहले ही विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर चुके हैं। दिल्ली विधानसभा सचिवालय की ओर से मंगलवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि तंवर को दलबदल विरोधी कानून के तहत अध्यक्ष ने अयोग्य घोषित कर दिया है और 10 जुलाई 2024 से उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है। करतार सिंह तंवर 2020 में छतरपुर विधानसभा सीट से AAP के टिकट पर लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए थे। उन्होंने बीजेपी नेता ब्रह्म सिंह तंवर को एक नजदीकी मुकाबले में मात दी थी। 2015 के विधानसभा चुनावों में भी करतार सिंह तंवर ने ब्रह्म सिंह तंवर को हराया था।
तंवर की हुई है घर वापसी
2014 में AAP का दामन थामने से पहले करतार सिंह तंवर बीजेपी में ही थे। उनका सियासी करियर 2007 में शुरू हुआ जब उन्होंने भाटी वार्ड से दिल्ली नगर निगम के लिए पार्षद का चुनाव जीता था। सियासत में आने से पहले तंवर दिल्ली जल बोर्ड में एक जूनियर इंजीनियर थे। बता दें कि जुलाई 2016 में तंवर और उनके भाई के ठिकानों पर इनकम टैक्स की रेड भी हुई थी। BJP में शामिल होने के बाद तंवर ने कहा था कि AAP की सरकार में विकास कार्य ठप पड़ गए हैं। करतार सिंह तंवर की बीजेपी में घर वापसी के बाद उम्मीद की जा रही है कि छतरपुर में पार्टी को मजबूती मिलेगी।