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Hindi News दिल्ली Jahangirpuri Violence: जहांगीरपुरी दंगों की दिल्ली पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट, हुए कई बड़े खुलासे

Jahangirpuri Violence: जहांगीरपुरी दंगों की दिल्ली पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट, हुए कई बड़े खुलासे

Jahangirpuri Violence: दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुए दंगे के मामले में क्राइम ब्रांच ने 37 आरोपियों के खिलाफ 2063 पन्नों की चार्जशीट दायर की है।

Delhi Police files charge sheet of Jahangirpuri riots- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO (PTI) Delhi Police files charge sheet of Jahangirpuri riots

Highlights

  • जहांगीरपुरी में हुए दंगे की चार्जशीट दायर
  • क्राइम ब्रांच ने किए कई चौंकाने वाले खुलासे
  • बोरों में रखी थी बोतलें, साथ में थी पिस्टल, तलवारें

Jahangirpuri Violence: दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुए दंगे के मामले में क्राइम ब्रांच ने 37 आरोपियों के खिलाफ 2063 पन्नों की चार्जशीट दायर की है। चार्जशीट के महत्वपूर्ण पन्नों में साफ तौर पर लिखा हुआ है कि दंगे के लिए दंगाइयों ने पहले से तैयारी कर रखी थी और पत्थर, हथियार, खासतौर पर हमला करने के लिए कांच की बोतलों को कुशल चौक के पास हमला करने के लिए पहले से बोरो में छिपाया गया था। 

भीड़ में दोनों पक्षों के पास पहले से थे हथियार 
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जहांगीरपुरी केस की चार्जेशीट में संज्ञान ले लिया है। फाइल चार्जशीट में लिखा है कि शुरुआत में यात्रा शांति से चल रही थी, जबतक वो सी ब्लॉक के मस्जिद के सामने नहीं पहुचीं। वहां पर साजिश के तहत लोगों की भीड़ पहले से मौजूद थी और उसी वक्त यात्रा के लोगों के साथ वहां मौजूद लोगों का आमना सामना हुआ। इसके बाद यात्रा में मौजूद लोगों पर वहां की भीड़ ने खतरनाक हथियारों से हमला कर दिया, शीशे की बोतलें और पत्थर भी फेंके।

इन हमलों का यात्रा में मौजूद लोगों ने भी विरोध किया और माहौल धीरे-धीरे दंगे में बदल गया। पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक जांच में पता लगा है कि हनुमान जयंती की शोभा यात्रा में मौजूद कुछ लोगों ने भी तमंचा, तलवार और लाठी डंडे ले रखे थे। पुलिस ने इस मामले में 31 मुस्लिम और 6 हिंदुओं को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक शोभा यात्रा को लेकर विश्व हिंदू परिषद के कुछ पदाधिकारी ने जो दिल्ली प्रान्त, मुख़र्जी नगर और झंडेवालान के थे, एसएचओ जहांगीरपूरी से बात की थी। उन्होंने उत्तर पश्चिमी दिल्ली के डीसीपी ऑफिस से संपर्क किया लेकिन शोभायात्रा की परमिशन नहीं मिली। लेकिन जब शोभायात्रा निकली तो एहतियात के तौर पर पुलिस ने सुरक्षा के पूरे इंतज़ाम किया था। 

शोभा यात्रा के दौरान कैसे भड़का दंगा
चार्जशीट में बताया गया कि 16 अप्रैल की शाम सवा चार बजे शोभायात्रा ई-ब्लॉक जहांगीरपुरी से निकली। सुरक्षा में जहांगीरपुरी की लोकल पुलिस जिसे इंस्पेक्टर इन्वेस्टिगेशन लीड कर रहे थे के अलावा डीसीपी रिज़र्व के जवान भी वहां तैनात थे। शोभायात्रा शांति से चल रही थी, लेकिन जब शोभायात्रा शाम 6 बजे सी-ब्लॉक के मस्जिद के सामने पहुचीं तो वहां अपने साथियों के साथ अंसार मौजूद था। अंसार ने शोभायात्रा में मौजूद लोगों से बहस शुरू कर दी। बहस पत्थरबाजी में बदल गई और देखते ही देखते दंगे का माहौल बन गया। 

मौके पर मौजूद इंस्पेक्टर राजीव ने चेतावनी देते हुए भीड़ से तुरंत हटने को कहा लोग हटे, फिर तुरन्त वो जुटे, नारे लगाने लगे और पत्थरबाजी शुरू हो गई। इसके बाद तुरंत कंट्रोल रूम को फ़ोन करके पुलिस मौके पर बुलाई गई। चार्जशीट के मुताबिक भीड़ के पास तमंचे, तलवार लाठी डंडे तो थे ही साथ मे पत्थरबाजी भी हो रही थी। इसमें 8 पुलिस वालों को चोट लगी। एक पुलिसकर्मी सब-इंस्पेक्टर मेदा लाल के हाथ पर गोली लगी थी। दंगाई पत्थरबाजी कर रहे थे, गोली चला रहे थे, गाड़ियों में तोड़-फोड़ कर रहे थे, एक स्कूटी को भी आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने इस मामले में शोभायात्रा बिना इजाजत निकालने के लिए उनके ऑर्गनाइज़र के ख़िलाफ भी केस किया। मौके से कुल 34 पीसीआर कॉल की गई थीं।

बोरों में रखी थी बोतलें, साथ में थी पिस्टल, तलवारें
चार्जशीट के मुताबिक एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था जब शोभायात्रा बीसी-ब्लॉक से गुजर रही थी तो उस वक़्त भी दो लोग शोभायात्रा में मौजूद लोगों को भलाबुरा कह रहे थे। हालात उस वक़्त से ही खराब होने लगा था। लेकिन माहौल 6 बजे उस वक़्त खराब हुआ जब शोभायात्रा सी ब्लॉक मस्जिद के सामने पहुंची। वहां पर अंसार, तबरेज, आलिम चिकना और इनके लोग मौजूद थे। भीड़ में कुछ ने पिस्टल, तलवार और डंडा ले रखा था। ये लोग शोभायात्रा में मौजूद लोगों से बहस करने लगे और हालात खराब होने लगे।

पथराव के बाद सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक शोभायात्रा को लेकर लोग कुशल चौक की तरफ  भागने लगे और उन पर लगातार पत्थरबाजी और बोतले फेंकी जा रही थी। इसके बाद कुशल चौक पर हिन्दू कम्युनिटी के लोग जुटने लगे और उन्होंने भी जवाब देना शुरू किया। एक सीसीटीवी फुटेज में नज़र आया है कि इस हिंसा से पहले आरोपी बाबुद्दीन की दुकान के पास 8 से 10 बोरे में बोतलें भरकर रखी गई थीं और बाद में यही बोतले दंगे में इस्तेमाल की गईं। 

चेहरा ढक भीड़ को भड़का रहा था बाबुद्दीन 
पुलिस के मुताबिक आरोपी बाबुद्दीन भीड़ को भड़काता नज़र आया और उसने अपना चेहरा रुमाल से बांध रखा था और दंगाइयों के साथ कुशल चौक की तरफ जा रहा था। इस बीच एक और भीड़ कुशल चौक की तरफ आई और उसने भी तोड़-फोड़ शुरू कर दी तभी एच-ब्लॉक कि तरफ से भीड़ आई और उसने इन्हें दौड़ा कर भगा दिया। कुशल चौक से सी ब्लॉक और सीडी-ब्लॉक की तरफ मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या ज्यादा है जबकि जी और एच-ब्लॉक में हिन्दू कम्युनिटी के लोग ज्यादा रहते हैं। कोर्ट ने इस चाजर्शीट पर संज्ञान ले लिया है। अब इसपर अगली सुनवाई 4 अगस्त को रोहिणी कोर्ट में होगी। जांच के हिसाब से आगे इस मामले में और सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जा सकती है।