नई दिल्ली। दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के मौके पर हुई हिंसा को लेकर सोमवार को असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा आरोप लगाया। ओवैसी ने कहा कि इस पूरे मामले में एक तरफा कार्रवाई हो रही है। AIMIM चीफ ने कहा कि जुलूस में भड़काऊ नारेबाजी हुई और मस्जिद पर धार्मिक झंडे लगाने की कोशिश हुई।
इतना ही नहीं इस दौरान AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा हमला करते हुए कहा कि सांप्रदायिक हिंसा तब होती है जब सरकार चाहती है कि यह हो। ओवैसी ने दिल्ली के जहांगीरपुरी के सी ब्लॉक में हनुमान जयंती के धार्मिक जुलूस के दौरान कथित तौर पर हथियार लाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हथियारों के साथ जुलूस निकाला गया और दिल्ली पुलिस चुप बैठी रही।
ओवैसी ने सवाल उठाया कि पुलिस की इजाजत के बिना इतना बड़ा जुलूस कैसे निकाला गया। जुलूस में शामिल लोगों के हाथों में सैंकड़ों तलवारें थी, मस्जिद पर धार्मिक झंडा लगाने की कोशिश हुई और वहीं से सारा झगड़ा शुरू हुआ।
केजरीवाल सरकार पर गंभीर आरोप-
इस दौरान ओवैसी ने कहा कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरावाल ने मुसलमानों को आरोपी बता दिया। ओवैसी बोले, "केजरीवाल ने कहा कि मुसलमानों ने पत्थर फेंके, चुनाव आते हैं तो आप सबके वोट लेते हैं लेकिन जब ऐसा मामला सामने आया तो अपना असली चेहरा दिखा दिया"। उन्होंने कहा कि दिल्ल सरकार चाहती तो दंगा नहीं होता।
"मुसलमानों की एकतरफा गिरफ्तारी"-
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले में गिरफ्तार हुए अंसार को लेकर बोले कि वो अंसार जिसने बच्चे को रोका और समझाया, दिल्ली पुलिस ने उसी को मुख्य आरोपी बना दिया। औवैसी ने कहा कि अंसार, जिसे आरोपी बना रहे हैं उसने उल्टा हालात को कंट्रोल किया। उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली सरकार और मोदी सरकार पर आरोप लगा रहा हूं कि मामले में मुसलमानों की एकतरफा गिरफ्तारियां हो रही हैं।
बताते चलें कि 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के मौके पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में शोभा यात्रा निकली थी लेकिन उसी दौरान दो समुदाय आपस में भिड़ गए और दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया था। इस दौरान उपद्रवियों ने कई वाहन तोड़े और आगजनी भी की थी। इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के कई जवान भी घायल हुए थे।