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Hindi News दिल्ली दिल्ली में 15 अगस्त को तिरंगा कौन फहराएगा? अरविंद केजरीवाल ने एलजी को लिखी चिट्ठी में नाम बताया

दिल्ली में 15 अगस्त को तिरंगा कौन फहराएगा? अरविंद केजरीवाल ने एलजी को लिखी चिट्ठी में नाम बताया

जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में तिरंगा कौन फहराएगा?

अरविंद केजरीवाल- India TV Hindi Image Source : FILE अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली: 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगा कौन फहराएगा? इस सवाल पर जारी असमंजस को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी एक चिट्ठी से खत्म कर दिया है। उन्होंने दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर को लिखी एक चिट्ठी में उस शख्स का नाम बताया है जो उनकी जगह तिरंगा फहराएगा। अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद हैं। इसलिए वे तिरंगा नहीं फहरा सकते। लेफ्टिनेंट गवर्नर को लिखी चिट्ठी में उन्होंने कहा कि उनकी जगह मंत्री आतिशी सिंह 15 अगस्त को दिल्ली में तिरंगा फहराएंगी।

गिरफ्तारी को दिल्ली हाईकोर्ट ने बरकरार रखा

इससे पहले सोमवार को दिल्ली शराब घोटाले में सीबीआई द्वारा सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी को दिल्ली हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने कहा कि सीबीआई की कार्रवाई में कोई दुर्भावना नहीं है, जिसने दिखाया है कि आप सुप्रीमो कैसे उन गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, जो उनकी गिरफ्तारी के बाद ही गवाही देने का साहस जुटा सकते हैं।

अदालत ने कहा कि सीबीआई द्वारा अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और प्रासंगिक साक्ष्य एकत्र करने के बाद उनके खिलाफ साक्ष्यों का चक्र बंद हो गया और यह नहीं कहा जा सकता कि यह बिना किसी उचित कारण के या अवैध था। हाईकोर्ट ने कहा कि केजरीवाल कोई साधारण नागरिक नहीं हैं, बल्कि मैगसायसाय पुरस्कार विजेता और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं। 

अपराध के तार पंजाब तक फैले हुए हैं

जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने अपने 48 पन्नों के फैसले में कहा, “गवाहों पर उनका नियंत्रण और प्रभाव प्रथम दृष्टया इस तथ्य से पता चलता है कि ये गवाह याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी के बाद ही गवाह बनने का साहस जुटा सके, जैसा कि विशेष अभियोजक ने उजागर किया है।” उन्होंने कहा कि प्रतिवादी (सीबीआई) के कृत्यों से किसी भी तरह की दुर्भावना का पता नहीं लगाया जा सकता है। हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि पर्याप्त साक्ष्य एकत्र किए जाने और अप्रैल, 2024 में मंजूरी मिलने के बाद ही एजेंसी उनके खिलाफ आगे की जांच में जुटी। अदालत ने कहा कि अपराध के तार पंजाब तक फैले हुए हैं, लेकिन केजरीवाल के पद के कारण उनके प्रभाव की वजह से महत्वपूर्ण गवाह सामने नहीं आ रहे थे।

जस्टिस बंसल ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी के बाद ही गवाह अपने बयान दर्ज कराने के लिए आगे आए। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रत्येक अदालत का यह दायित्व है कि वह यह सुनिश्चित करे कि गिरफ्तारी और रिमांड की असाधारण शक्तियों का दुरुपयोग न हो अथवा पुलिस द्वारा लापरवाही और अक्खड़ तरीके से इनका उपयोग न किया जाए।” ( इनपुट-भाषा)