दिल्ली में मॉनसून ने तोड़ा 1964 का रिकॉर्ड, अभी और वर्षा का अनुमान
सितंबर में विशेष तौर पर बहुत ज्यादा बारिश हुई है। शहर में इस महीने बृहस्पतिवार दोपहर तक 403 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो आईएमडी के अनुसार 77 वर्षों में सबसे अधिक है। सितंबर 1944 में शहर में 417.3 मिमी बारिश हुई, जो 1901-2021 की अवधि में सबसे अधिक है।
नयी दिल्ली: दिल्ली में बृहस्पतिवार को एक बार फिर से बारिश हुई। आज की बारिश के बाद मॉनसून ने 1964 के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। इस साल अब तक 1159.4 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है जो 1964 के बाद से सबसे अधिक और अब तक की तीसरी सर्वाधिक बारिश है। साथ ही, दिल्ली में सितंबर में हुई बारिश ने 400 मिमी के निशान को पार कर लिया है। बृहस्पतिवार दोपहर तक हुई 403 मिमी बारिश सितंबर 1944 में 417.3 मिमी के बाद से इस महीने में हुई सबसे अधिक वर्षा है। ये आंकड़े बदल सकते हैं क्योंकि आज दिन भर और बारिश होने का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्षा ऋतु के जाते-जाते यह दिल्ली में दूसरी सबसे ज्यादा मॉनसून की बारिश हो सकती है। सामान्य तौर पर, दिल्ली में मॉनसून के मौसम में 653.6 मिलीमीटर बारिश होती है। पिछले साल राजधानी में 648.9 मिली बारिश हुई थी।
एक जून को जब मॉनसून शुरू होता है, तब से 15 सितंबर के बीच शहर में सामान्य तौर पर 614.3 मिमी बारिश होती है। दिल्ली से मॉनसून 25 सितंबर तक लौटता है। आईएमडी के मुताबिक, शहर के लिए आधिकारिक मानी जाने वाली सफदरजंग वेधशाला का कहना है कि शहर में बृहस्पतिवार को दोपहर तक इस मौसम की 1159.4 मिमी बारिश हो चुकी है। 1975 में 1,155.6 मिमी और 1964 में 1190.9 मिमी बारिश हुई थी। अब तक की सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड 1933 में हुई 1,420.3 मिमी वर्षा का है। इससे पहले, सुबह मौसम विभाग ने दिल्ली में दिन में मध्यम बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया था। शुक्रवार को हल्की बारिश की संभावना है।
एक निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, "23-24 सितंबर तक बारिश बीच-बीच में होती रहेगी, जिसका मतलब है कि मॉनसून समाप्त होने तक, दिल्ली के नाम अब तक दूसरा सबसे ज्यादा बारिश वाला मॉनसून दर्ज हो सकता है।” पिछले दो दशकों में यह केवल तीसरी बार है जब दिल्ली में मॉनसून की बारिश ने 1000 मिमी के निशान को पार किया है। दिल्ली में 2011, 2012, 2013, 2014 और 2015 में क्रमश: 636 मिमी, 544 मिमी, 876 मिमी, 370.8 मिमी और 505.5 मिमी वर्षा हुई। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार 2016 में 524.7 मिमी; 2017 में 641.3 मिमी; 2018 में 762.6 मिमी; 2019 में 404.3 मिमी और 2020 में 576.5 मिमी बारिश दर्ज की गई।
सितंबर में विशेष तौर पर बहुत ज्यादा बारिश हुई है। शहर में इस महीने बृहस्पतिवार दोपहर तक 403 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो आईएमडी के अनुसार 77 वर्षों में सबसे अधिक है। सितंबर 1944 में शहर में 417.3 मिमी बारिश हुई, जो 1901-2021 की अवधि में सबसे अधिक है। इस साल सितंबर की बारिश पिछले साल की तुलना में ठीक उलट रही है, जब शहर में सामान्य 129.8 मिमी के मुकाबले इस महीने में महज 20.9 मिमी वर्षा हुई थी। दिल्ली में महीने की शुरुआत में लगातार दो दिनों में 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई - एक सितंबर को 112.1 मिमी और दो सितंबर को 117.7 मिमी, शनिवार (11 सितंबर) को 94.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
दिल्ली में 19 साल में सबसे ज्यादा देरी से, 13 जुलाई को मॉनसून पहुंचने के बावजूद राजधानी में सितंबर महीने में 16 दिन बारिश हुई जो पिछले चार साल में सबसे ज्यादा है। बरसात के दिनों में शहर में 507.1 मिमी बारिश हुई, जो कि लंबी अवधि के 210.6 मिमी की औसत से लगभग 141 प्रतिशत अधिक थी। यह जुलाई 2003 के बाद से महीने में सबसे अधिक वर्षा भी थी, और अब तक की दूसरी सबसे अधिक वर्षा थी। शहर में अगस्त माह में बारिश के केवल 10 दिन दर्ज किए गए, जो सात वर्षों में सबसे कम है, और 214.5 मिमी बारिश हुई जो 247 मिमी के औसत से कम है।
दिल्ली में इस मॉनसून सीज़न में अब तक सात दिन ऐसे थे जब भारी बारिश हुई (64.5 मिमी से 115.5 मिमी तक) जो अब तक की सबसे अधिक वर्षा है, और शहर में दर्ज की गई वर्षा का लगभग 60 प्रतिशत इन्हीं के कारण है। 1964 के मानसून के मौसम में भारी बारिश के छह दिन दर्ज किए गए थे। आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर के जेनामनी ने कहा कि आम तौर पर दिल्ली में पूरे मौसम में ऐसी भारी बारिश केवल एक या दो दिन होती है।
राजधानी में सबसे ज्यादा बारिश जुलाई में हुई थी - 19 जुलाई को 69.6 मिमी, 27 जुलाई को 100 मिमी और 30 जुलाई को 72 मिमी। वहीं, पिछले महीने केवल एक दिन भारी बारिश हुई थी - 21 अगस्त को 138.8 मिमी बारिश । लेकिन दिल्ली में इस महीने पहले ही तीन ऐसे दिन गुजर चुके हैं जब भारी बारिश हुई है - एक सितंबर को 112.1 मिमी, 2 सितंबर को 117.7 मिमी और 11 सितंबर (शनिवार) को 94.7 मिमी। राजधानी में पिछले साल अगस्त से हर महीने मौसम का एक नया रिकॉर्ड दर्ज किया जा रहा है।
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