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Hindi News दिल्ली टैटू के कारण पुलिस की भर्ती से निकाला गया कैंडिटेट, दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया भर्ती करने का आदेश

टैटू के कारण पुलिस की भर्ती से निकाला गया कैंडिटेट, दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया भर्ती करने का आदेश

एक टैटू के कारण दिल्ली पुलिस की भर्ती प्रक्रिया से एक अभ्यर्थी को निष्कासित कर दिया गया था। इस मामले की होई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने टौटू को धुंधला बताते हुए अभ्यर्थी को दिल्ली पुलिस में शामिल करने का आदेश दिया है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया अभ्यर्थी को पुलिस बल में शामिल करने का आदेश।- India TV Hindi Image Source : FILE दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया अभ्यर्थी को पुलिस बल में शामिल करने का आदेश।

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में एक अभ्यर्थी को दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस बल में शामिल करने का आदेश दिया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल पद के लिए आवेदन करने वाले उस अभ्यर्थी को राहत प्रदान की है, जिसके अभ्यर्थन को दाहिने हाथ पर “धुंधले टैटू” के कारण निरस्त कर दिया गया था। अदालत ने अधिकारियों को आदेश दिया कि वे उसे पुलिस बल में शामिल होने की अनुमति दें। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अभ्यर्थी ने टैटू हटाने के लिए पहले ही सर्जरी करा ली है। हाई कोर्ट ने उसे अदालत के समक्ष पेश होकर अपने दाहिने हाथ की बांह दिखाने को कहा। 

हाथ पर दिखा हल्का टैटू

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया ने 24 जुलाई को पारित आदेश में कहा, “हमने उम्मीदवार के दाहिने हाथ को देखा है और खुली आंखों से टैटू दिखाई भी नहीं देता। इसे याचिकाकर्ताओं (अधिकारियों) के वकील और वकील की सहायता के लिए अदालत में मौजूद अधिकारियों को भी दिखाया गया है।” पीठ ने कहा, “हमारे अनुसार, प्रतिभागी के बांह पर कोई स्पष्ट टैटू नहीं है। हालांकि, टैटू के स्थान पर बहुत हल्का निशान दिखाई देता है। कभी-कभी इस प्रकार के निशान प्राकृतिक होते हैं और इसलिए उम्मीदवारों के अभ्यर्थन को इस आधार पर अस्वीकार नहीं किया जा सकता है।” 

कर्मचारी चयन आयोग की याचिका खारिज

दिल्ली हाई कोर्ट ने कर्मचारी चयन आयोग की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के आदेश को चुनौती दी गई थी। कैट ने अपने आदेश में अभ्यर्थी को राहत दी थी। पीठ ने कहा, “याचिकाकर्ताओं का यह भी मामला नहीं है कि सभी रिक्तियां पहले ही भरी जा चुकी हैं, क्योंकि दूसरे बैच का बुनियादी प्रशिक्षण एक जुलाई 2024 से शुरू हो चुका है। याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया जाता है कि वे प्रतिवादी को इस आदेश की प्राप्ति से एक सप्ताह के भीतर प्रशिक्षण के लिए दूसरे बैच में शामिल होने की अनुमति दें।” (इनपुट- एजेंसी)

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