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Hindi News दिल्ली DU की दाखिला नीति के संबंध में सेंट स्टीफंस की अर्जी पर सोमवार को सुनवाई

DU की दाखिला नीति के संबंध में सेंट स्टीफंस की अर्जी पर सोमवार को सुनवाई

Supreme Court ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सेंट स्टीफंस कॉलेज की अर्जी पर सोमवार को सुनवाई करेगा, जिसमें उसे दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की दाखिला नीति का पालन करने को कहा गया था।

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Highlights

  • सेंट स्टीफंस कॉलेज की अर्जी पर सोमवार को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
  • दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ होगी सुनवाई

Supreme Court ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सेंट स्टीफंस कॉलेज की अर्जी पर सोमवार को सुनवाई करेगा, जिसमें उसे दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की दाखिला नीति का पालन करने को कहा गया था। प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने अपनी प्रशासनिक क्षमता में, अल्पसंख्यक संस्थान के मामले को न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। 

न्यायमूर्ति कौल ने सुनवाई से खुद को अलग किया

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने खुद को संस्थान का पूर्व छात्र बताते हुए 10 अक्टूबर को मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था और कहा था कि वह वर्तमान ‘‘खराब’’ माहौल के कारण मामले में सुनवाई नहीं करना चाहेंगे। न्यायमूर्ति कौल ने सुनवाई से खुद को अलग करते हुए कहा था, ‘‘माहौल इस हद तक दूषित हो गया है कि यह हमारे लिए मुश्किल हो जाता है। इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं क्या फैसला करुंगा या कैसा फैसला करूंगा। लेकिन क्या किया जा सकता है। यह संवैधानिक व्याख्या का मुद्दा है। यह कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसे सुलझाया जा सके। इसे कैसे पढ़ा जाए, इस पर फैसला लेना होगा।’’

DU के एडमिशन प्रोसेस के लिए हाईकोर्ट ने यह कहा था

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 12 सितंबर को ईसाई अल्पसंख्यक संस्थान सेंट स्टीफंस को डीयू द्वारा तैयार की गई प्रवेश नीति का पालन करने के लिए कहा था, जिसके अनुसार अपने स्नातक पाठ्यक्रमों में गैर-अल्पसंख्यक छात्रों के लिए प्रवेश देते समय विश्वविद्यालयीन सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी)-2022 के स्कोर को 100 प्रतिशत वेटेज देना होता है। उच्च न्यायालय ने कहा था कि कॉलेज गैर-अल्पसंख्यक श्रेणी के छात्रों के लिए साक्षात्कार आयोजित नहीं कर सकता है और दाखिला केवल सीयूईटी स्कोर के अनुसार होना चाहिए।

उच्च न्यायालय ने यह भी कहा था कि संविधान के तहत अल्पसंख्यक संस्थान को दिए गए अधिकारों को गैर-अल्पसंख्यकों तक नहीं बढ़ाया जा सकता है। उच्च न्यायालय ने कहा था कि कॉलेज के पास ईसाई छात्रों के दाखिले के लिए सीयूईटी स्कोर के अलावा साक्षात्कार आयोजित करने का अधिकार है, लेकिन यह गैर-अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को अतिरिक्त साक्षात्कार से गुजरने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है।