इंडिया गेट पर आइसक्रीम खाने का आएगा ज्यादा मजा! हरदीप पुरी ने शेयर की निर्माणधीन Central Vista की तस्वीरें
Central Vista प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद यहां की खूबसूरती और भी बढ़ जाएगी, साथ ही यहां आकर आइसक्रीम खाने का आनंद पहले से और भी बढ़ जाएगा।
देश की सत्ता के केंद्र राजपथ पर आकार ले रहा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट शुरुआत से ही चर्चा में रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत देश को नया संसद भवन मिलेगा, इसके साथ ही राजपथ के आसपास की कई मंत्रालयों और सरकारी दफ्तरों की इमारत तैयार की जाएगी। इस बीच केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने वहां की कई तस्वीरें ट्विटर पर शेयर की हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस प्रोजेक्ट का विरोध करने वालों पर चुटकी लेते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद यहां की खूबसूरती और भी बढ़ जाएगी, साथ ही यहां आकर आइसक्रीम खाने का आनंद पहले से और भी बढ़ जाएगा।
हरदीप सिंह पुरी ने अपने ट्वीट में कहा कि हमारे मजदूरों की मेहनत और लगन आने वाली पीढ़ियों के लिए स्थापत्य विरासत को आकार दे रही है। मैंने आज जायजा लेने के लिए सेंट्रल विस्टा एवेन्यू और संसद के नए स्थलों का दौरा किया। 'विद्वानों' को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि यहां शाम को आइसक्रीम का लुत्फ और भी बेहतर होने जा रहा है!
बता दें कि 'विद्वानों' का संबोधन इस प्रोजेक्ट का विरोध करने वालों के लिए था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रोजेक्ट को देश के लिए बेहद जरूरी बताते हुए इसके खिलाफ दायर की गई याचिकाओं को खारिज कर दिया था। बता दें कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की समय सीमा 2024 है।
बनेंगी ये इमारतें
इस प्रोजेक्ट में सभी मंत्रालयों के लिए एक नया केंद्रीय सचिवालय, एक नया संसद भवन , नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक को संग्रहालयों में परिवर्तित करने की योजना है। प्रधान मंत्री और उपराष्ट्रपति के लिए निवास और कार्यालय भी बनाया जाएगा।
पीएम मोदी ने 10 दिसंबर को किया था शिलान्यास
इस परियोजना की घोषणा पिछले वर्ष सितम्बर में हुई थी, जिसमें एक नये त्रिकोणाकार संसद भवन का निर्माण किया जाना है। इसमें 900 से 1200 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी। इसके निर्माण का लक्ष्य अगस्त 2022 तक है, जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा। पीएम मोदी ने 10 दिसंबर को संसद के नए भवन का शिलान्यास किया था। साझा केन्द्रीय सचिवालय के 2024 तक बनने का अनुमान है। इसका निर्माण कार्य 2022 तक पूरा होने की संभावना है, जिसमें 971 करोड़ रुपये का खर्चा आ सकता है। याचिकाएं भूमि उपयोग बदलाव सहित विभिन्न मंजूरियों के खिलाफ दायर की गई थीं।
मौजूदा संसद भवन में जगह की कमी
मौजूदा संसद भवन में स्थान के अभाव और भविष्य में लोकसभा सीटों की संख्या में बढ़ोतरी की संभावना के कारण नए संसद भवन तैयार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक तीन वर्ग किमी के क्षेत्र में मौजूद इमारतें एवं उद्यान सेंट्रल विस्टा के अंतर्गत आते हैं। केन्द्रीय सचिवालय के अंतर्गत विभिन्न मंत्रालय कृषि भवन सहित 47 भवनों से संचालित हैं। संपदा निदेशालय के आंकड़ों के मुताबिक सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में लगभग 3.8 लाख वर्ग मीटर में कार्यालयी स्थान की कमी है, इस कारण से केन्द्रीय मंत्रालयों और विभागों के लिये किराए पर स्थान उपलब्ध कराना पड़ता है।