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Hindi News दिल्ली प्रदूषण से नहीं मिलेगा छुटकारा, दिल्ली-NCR में एक बार फिर GRAP-4 लागू, हवा की हालत खराब

प्रदूषण से नहीं मिलेगा छुटकारा, दिल्ली-NCR में एक बार फिर GRAP-4 लागू, हवा की हालत खराब

बढ़ती ठंड के बीच दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण बड़ी समस्या बन गया है। इसको देखते हुए दिल्ली और इसके आस-पास के इलाके में GRAP- 4 लागू कर दिया गया है।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE प्रतीकात्मक फोटो

बढ़ती ठंड के बीच दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण बड़ी समस्या बन गया है। वायु गुणवत्ता में तेज गिरावट दर्ज की गई है। इसको देखते हुए दिल्ली और इसके आस-पास के इलाके में GRAP- 4 लागू कर दिया गया है। GRAP- 4 चरण के प्रभावी होने के साथ ही राजमार्गों और फ्लाईओवर जैसी सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण एवं तोड़फोड़ गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा। साथ ही गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक रहेगी। सोमवार को शाम 4:00 बजे दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 379 रहा, जो रात करीब 10 बजे 400 को पार कर गया।

एयर क्वालिटी में आई गिरावट के बाद CAQM ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। इसके बाद GRAP-4 को लागू करने का फैसला किया गया। GRAP- 4 के तहत दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में स्कूलों को अनिवार्य रूप से 9वीं तक की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में होगी। हालांकि, पैरेंट्स ऑप्शन चुन सकेंगे। इसके अलावा केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों की ऑफिस टाइमिंग में बदलाव करने का निर्णय भी ले सकती है।

GRAP-4 के तहत पाबंदियां

निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर प्रतिबंध: राजमार्गों और फ्लाईओवर जैसी सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर रोक लगा दी गई है। 

गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक: दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। 

वायु प्रदूषण नियंत्रण उपाय: वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए अन्य उपाय भी लागू किए जा रहे हैं, जैसे सड़कों पर धूल को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव और सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल को बढ़ावा देना।

प्रदूषण से स्वास्थ्य पर प्रभाव

AQI 400 को पार करने के कारण स्वास्थ्य जोखिम बढ़ गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे प्रदूषण स्तर पर श्वसन समस्याएं, जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और दिल से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है।

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