A
Hindi News दिल्ली दिल्ली पर फिर मंडरा रहा है बाढ़ का खतरा! बढ़ सकता है यमुना का जलस्तर, अलर्ट जारी

दिल्ली पर फिर मंडरा रहा है बाढ़ का खतरा! बढ़ सकता है यमुना का जलस्तर, अलर्ट जारी

यमुना का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने का अनुमान है। केंद्रीय जल आयोग के इस अनुमान के बाद दिल्ली सरकार ने अफसरों को अलर्ट कर दिया है।

यमुना नदी- India TV Hindi Image Source : पीटीआई/फाइल यमुना नदी

नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली बाढ़ की विभिषिका से अभी उबर भी नहीं पाई है कि एक बार फिर यमुना में उफान आने के संकेत ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी है। केंद्रीय जल आयोग द्वारा यमुना के जलस्तर बढ़ने का अनुमान जताया है। इसके बाद दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को बाढ़ संभावित क्षेत्रों पर नजर रखने तथा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का इंतजाम करने का निर्देश दिया है। 

 205.45 मीटर से ऊपर पहुंचने का अनुमान

बृहस्पतिवार तड़के दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 205. 33 मीटर से नीचे चला गया था। शुक्रवार को जलस्तर 204.95 मीटर पर बना हुआ है। केंद्रीय जल आयोग द्वारा दिन में पहले जारी किये गये पूर्वानुमान के मुताबिक पुराने रेल पुल के नीचे जलस्तर शुक्रवार को रात 10 और 12 बजे के बीच 205.45 मीटर तक पहुंच जाने की आशंका है। जलस्तर बाद में और बढ़ सकता है। 

दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को अलर्ट किया

इस पूर्वानुमान के बाद दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों पर नजर रखने तथा बाढ़ संभावित क्षेत्रों में जरूरी कदम उठाने की सलाह दी है। अधिकारियों को तटबंध के समीप रह रहे लोगों को चेतावनी जारी करने तथा उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का इंतजाम करने की सलाह भी दी गयी है। 

आठ दिनों तक खतरे के निशान से ऊपर बही यमुना

यमुना का जलस्तर अपने सारे रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 13 जुलाई को 208.66 मीटर के  उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद धीरे-धीरे कम हो रहा है। आठ दिनों तक खतरे के निशान से ऊपर बहने के बाद मंगलवार को रात आठ बजे जलस्तर 205.33 मीटर (खतरे के निशान) के नीचे आ गया था। बुधवार सुबह पांच बजे यह घटकर 205.22 मीटर तक चला गया था हालांकि बाद में यह फिर बढ़ने लगा और खतरे के निशान को पार कर गया। 

मौसम विभाग ने 22 जुलाई तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में छिटपुट स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा होने की चेतावनी दी है। दिल्ली में बाढ़ का असर बेहद विनाशकारी रहा और 27000 लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा। (इनपुट-भाषा)