दिल्ली के आजादपुर मंडी में आग लगी, फायर ब्रिगेड की 11 गाड़ियां मौके पर
दिल्ली के आजादपुर मंडी में आग लग गई है। दमकल की 10 गाड़ियां मौके पर पहुंच गई है। आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है।
नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली के आजादपुर मंडी में आग लगने की खबर है। यह देश की बड़ी मंडियों में से एक है। यहां आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल की 10 गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। आग पर काबू पाने की कोशिशें जारी है।जानकारी के मुताबिक शाम 5 बजकर 19 मिनट पर दमकल विभाग को आग लगने की कॉल मिली। कुल 11 फायर टेंडर को मौके पर भेजा गया।
आग मंडी के टमाटर बाजार में लगी । मंडी एसोसिएशन के महासचिव अनिल मल्होत्रा ने बताया कि आग मंडी की शेड पर चिंगारी फेकें जाने की वजह से लगने की आशंका है । मंडी में टिन शेड के साथ बीच मे प्लास्टिक का शेड बना हुआ है ,जिसमें आग देखते ही देखते फैल गयी । जिसके वक्त आग लगी उस शेड में 300 से ज्यादा लोग मौजूद थे। लेकिन गनीमत रही कि सभी लोगों को समय रहते बाहर निकाल लिया गया।
आग की वजह से व्यापारियों का 5 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है । इसमें व्यापारियों के गल्ले तक जल गए ,जिसमे खाता बही के साथ लाखों रुपये की नगदी भी शामिल है । जिसकी वजह से आढ़ती बहुत ही परेशान दिखाई दिए । मंडी समिति के सचिव के मंडी में मौजूद रहते हुए आग की घटना स्थल पर काफी देर से पहुचने से व्यापारियों में नाराजगी भी है । एसोसिएशन ने शनिवार की सुबह 10 बजे एक बैठक बुलाई है ,जिसमें व्यापारियों के नुकसान का सही अनुमान लगाने के साथ मंडी परिसर में फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने के मुद्दे पर चर्चा होगी । एसोसिएशन का कहना है कि एक साल पहले मंडियों में फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने का आश्वासन दिया गया था लेकिन आज तक नही लग पाया है ।
मुखर्जी नगर गर्ल्स पीजी में लगी थी आग
इससे पहले मुखर्जी नगर गर्ल्स पीजी में आग लग गई थी। दमकलकर्मियों ने चार साल की एक बच्ची समेत 35 लोगों को उसमें से सुरक्षित बाहर निकाला था। बच्ची समेत पांच लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। दमकल की 20 गाड़ियों की मदद से आग पर काबू पाया गया। भीड़भाड़ अधिक होने तथा सकरी गलियां होने के कारण केवल गाड़ियां ही आठ ही घटनास्थल पर पहुंच सकीं।
पुलिस ने पीजी मालिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए किया गया कार्य), 337 (अविवेकपूर्ण या लापरवाही से किया गया कार्य जिससे मानव जीवन या दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा हो), 338 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालकर गंभीर चोट पहुंचाना), 34 (साझा इरादा) के तहत मामला दर्ज किया है।