नई दिल्ली: आईटीओ के करीब शहीदी पार्क में 26 जनवरी के दंगे में घायल दिल्ली पुलिस के बहादुर जवानों के घरवाले प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में दंगाइयों के हमले में घायल पुलिसवालों के घरवाले और रिश्तेदार शामिल हैं। गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दंगाइयों के हमले में दिल्ली पुलिस के 300 से भी ज्यादा जवान घायल हो गए थे। लगातार हिंसा करनेवालों के पक्ष में हो रही सियासत के बाद घायल पुलिसकर्मियों के परिवारवाले और रिश्तेदार भी इस बात को लेकर सामने आ गए हैं कि दंगाइयों से हमदर्दी और जवानों पर चुप्पी क्यों है?
दरअसल, 26 जनवरी को किसानों के प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को लेकर किसान नेताओं और दिल्ली पुलिस के बीच रूट को लेकर सहमति बन गई थी। किसानों नेताओं ने प्रस्तावित रूट पर हस्ताक्षर भी किए थे। लेकिन 26 जनवरी सुबह से ही किसानों का जत्था तय समय से पहले रैली के लिए निकल पड़ा। इस दौरान बैरिकेड्स तोड़ दिए गए और पुलिसवालों ने रोकने की कोशिश की तो उनपर हमले हुए। देखते ही देखते किसानों का काफिला आईटीओ और लालकिले तक पहुंच गया। जगह-जगह पुलिस के साथ इन उपद्रवियों की झड़प हुई। कहीं पुलिसवालों पर तलवारों से हमला हुआ तो कहीं उनपर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की गई। इस हिंसक प्रद्शन में 394 पुलिसकर्मी घायल हो गए।