नई दिल्ली: साल 2020 में देशभर के किसान दिल्ली आए थे और दिल्ली की सीमाओं घेरकर बंद कर दिया था। फिर चाहे वो दिल्ली-यूपी का बॉर्डर हो या फिर दिल्ली हरियाणा का बॉर्डर, सभी सीमाओं को किसानों ने घेराव किया था। किसानों की केंद्र सरकार से कई मांगे थीं, जिनमें से तीन कृषि कानूनों की वापसी मुख्य थी। कानूनों की वापसी के बाद ही किसानों ने सीमाएं छोड़ी थीं। अब सोमवार को किसान एक बार फिर से दिल्ली आ रहे हैं। इस बार वे रामलीला मैदान में महापंचायत करेंगे। इस महापंचायत के लिए दिल्ली पुलिस ने भी कमर कास ली है।
सुरक्षा में तैनात किए जाएंगे 2 हजार पुलिसकर्मी
दिल्ली पुलिस सोमवार को रामलीला मैदान में होने वाली ‘किसान महापंचायत’ के लिए करीब दो हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात करेगी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए विस्तृत सुरक्षा तैयारी की गई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया,‘‘हमने किसान महापंचायत के लिए विस्तृत सुरक्षा व्यवस्था की है। हम लोगों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करेंगे।’’ उन्होंने बताया, ‘‘हम कार्यक्रम को शांतिपूर्ण संपन्न कराने और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए दो हजार से अधिक जवानों को तैनात करेंगे।’’
15 से 20 हजार लोगों के महापंचायत में हिस्सा लेने की संभावना
उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मी भीड़ प्रबंधन के लिए तैनात किए जाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कोई अनाधिकृत व्यक्ति प्रवेश न करे जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो। दिल्ली यातायात पुलिस ने जारी प्राथमिकी में कहा कि करीब 15 से 20 हजार लोगों के महापंचायत में हिस्सा लेने की संभावना है। लोगों के रविवार रात से ही रामलीला मैदान पहुंचने की संभावना है। यातायात पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों और वाहन चालकों को सलाह दी जाती है कि वे रामलीला मैदान के आसपास खासतौर पर दिल्ली गेट से अजमेरी गेट चौक के बीच जेएलएन मार्ग पर जाने से बचे।
दिल्ली क्यों आ रहे हैं किसान?
विभिन्न किसान संगठनों के संयुक्त किसान मंच ने रविवार को बताया कि ‘किसान महापंचायत’ कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गांरटी को लेकर दबाव बनाने के लिए बुलाई गई है। बयान में दावा किया गया कि लाखों किसान कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से दिल्ली कूच कर गए हैं।