नई दिल्ली: दिल्ली में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 6430 नए मामले सामने आए, जो पिछले एक महीने में सबसे कम संख्या है। मेडिकल फील्ड के एक्सपर्ट्स का मानना है कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान मामलों में आई गिरावट का मुख्य कारण लॉकडाउन लागू करना है। दिल्ली के मुख्य सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमितों के मामलों में गिरावट आई है, लेकिन नए मामलों की संख्या को पिछले कुछ महीनों की तरह 2,000 की संख्या तक लाने में अब भी ‘लंबी दूरी तय करनी’ है।
‘लॉकडाउन के चलते कम हुए केस’
राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (RGSSH) के चिकित्सा निदेशक बी एल शेरवाल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि दैनिक मामलों के 28,000 से गिरकर शुक्रवार को 8,500 पहुंचने का सबसे बड़ा कारण लॉकडाउन है, लेकिन अब भी नए मामलों की संख्या बहुत अधिक है और हालात गंभीर हैं।’ उन्होंने बताया कि RGSSH में 650 बिस्तर की उपलब्धता है, जिनमें से 500 बिस्तर कोविड-19 मरीजों के लिए हैं और 350 इस समय घिरे हुए हैं, जिनमें से अधिकतर मरीज आईसीयू पर हैं। शेरवाल ने टीकाकरण को भी मामलों में आई कमी का कारण बताया है।
‘...तो हालात इतने खराब नहीं होते’
दिल्ली स्थित फोर्टिस अस्पताल में चिकित्सक डॉक्टर रिचा सरीन ने भी कहा कि हालात में अपेक्षाकृत सुधार का कारण लॉकडाउन लागू किया जाना है। उन्होंने कहा कि यदि लॉकडाउन अप्रैल में एक सप्ताह पहले लागू कर दिया गया होता, तो हालात इतने खराब नहीं होते, लेकिन यह हर सरकार के लिए कठिन फैसला होता है। सरीन ने कहा, ‘इसके अलावा लोगों की बड़ी संख्या संक्रमित हो गई है, इसलिए उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई है, जिसके कारण संक्रमण की श्रृंखला रोकने में मदद मिली।’
24 घंटे में 56811 सैंपल्स की जांच
दिल्ली में शनिवार को 6430 नए मामले सामने आए, जबकि 11592 लोगों ने वायरस के संक्रमण को मात दी। इस वायरस के संक्रमण के चलते 337 लोगों ने अपनी जान भी गंवाई। पिछले 24 घंटों में 56811 सैंपल्स की जांच हुई और पॉजिटिविटी रेट गिरकर 11.32 प्रतिशत पर आ गया। हालांकि पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में संक्रमण के नए मामलों में तेजी से कमी आई है, और हालात सुधार की तरफ बढ़ते दिख रहे हैं। (भाषा)