A
Hindi News दिल्ली प्यासी दिल्ली को झुलसाती हवाएं, गर्मी के हाहाकार के बीच बिजली की डिमांड ने तोड़े सारे रिकॉर्ड

प्यासी दिल्ली को झुलसाती हवाएं, गर्मी के हाहाकार के बीच बिजली की डिमांड ने तोड़े सारे रिकॉर्ड

दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 8,656 मेगावाट के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। बिजली वितरण कंपनियों ने इसकी जानकारी दी। एक दिन पहले मंगलवार को दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 8,747 मेगावाट रही थी।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE प्रतीकात्मक फोटो

एक ओर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लोग भीषण गर्मी की तपिश झेलने के साथ बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं, तो दूसरी तरफ बिजली सप्लाई का संकट भी मंडराने लगा है। दरअसल, भीषण गर्मी और झुलसाती हवाओं से बेहाल दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग बुधवार को 8,656 मेगावाट के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। यह दिल्ली में बिजली की अब तक की सर्वाधिक मांग है। बिजली वितरण कंपनियों ने इसकी जानकारी दी। एक दिन पहले मंगलवार को दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 8,747 मेगावाट रही थी, जो इसका पिछला उच्चतम स्तर है।

9 बार मांग 8,000 मेगावाट से अधिक 

बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के अधिकारियों ने बताया कि इस साल 22 मई से अब तक दिल्ली में अधिकतम बिजली मांग 9 बार 8,000 मेगावाट से अधिक रही है। शहर में बिजली की अधिकतम मांग 22 मई, 2024 को पहली बार 8,000 मेगावाट के पार पहुंची थी। दिल्ली में बिजली की मांग का आंकड़ा दर्ज करने वाले स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (SLDC) के मुताबिक, बिजली मांग बुधवार दोपहर 3 बजकर 6 मिनट पर 8,656 मेगावाट तक पहुंच गई। मौसम विभाग ने कहा कि मंगलवार को दिल्ली के निवासियों को पिछले 12 साल की सबसे गर्म रात का सामना करना पड़ा। मंगलवार रात को न्यूनतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 8 डिग्री सेल्सियस अधिक है। वहीं, दिन का अधिकतम तापमान भी 44 डिग्री सेल्सियस के करीब रहने का अनुमान है, जो सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक है।

कई दिनों से 45 डिग्री के करीब तापमान

दिल्ली में अधिकतम तापमान पिछले कई दिन से लगातार 45 डिग्री सेल्सियस के आस-पास बना हुआ है। भीषण गर्मी के बीच एयर कंडीशनर और कूलर का इस्तेमाल बढ़ने से राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की मांग में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। बिजली वितरण कंपनी BSES के एक अधिकारी ने कहा, "भीषण गर्मी में लोग एयर कंडीशनर और ठंडक देने वाले अन्य उपकरणों का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे बिजली की मांग बढ़ गई। अनुमान है कि घरेलू और वाणिज्यिक बिजली खपत में एयर कंडीशनर का हिस्सा 30-50 प्रतिशत तक हो सकता है।"

आमतौर पर कब बढ़ती है बिजली की मांग?

दिल्ली के उत्तरी भाग में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. (टाटा पावर डीडीएल) के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने अब तक की अधिकतम बिजली मांग 2,460 मेगावाट को सफलतापूर्वक पूरा किया है। प्रवक्ता ने कहा, "मांग पूरा करने के लिए दीर्घकालीन बिजली खरीद समझौता समेत अन्य उपाए किए गए हैं।" बीएसईएस के प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली में भरोसेमंद बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में लगभग 2,100 मेगावाट हरित बिजली महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। बिजली वितरण कंपनियों ने इस साल की गर्मियों में बिजली की अधिकतम मांग 8,200 मेगावाट तक पहुंचने का शुरुआती अनुमान जताया था। दिल्ली में आमतौर पर अधिकतम बिजली मांग जून के अंत और जुलाई की शुरुआत में सामने आती रही है, लेकिन अब यह जून के मध्य में ही देखने को मिल रही है। (भाषा)

ये भी पढ़ें-