प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने धन शोधन की जांच के सिलसिले में दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के परिवार और उनकी कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां कुर्क कीं। जैन (57) अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य, बिजली, गृह, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), उद्योग, शहरी विकास, बाढ़, सिंचाई और जल मंत्री हैं।
ईडी ने 2018 में शकूर बस्ती से आम आदमी पार्टी (आप) विधायक से मामले के सिलसिले में पूछताछ की थी। ईडी ने एक बयान में कहा कि उसने संपत्तियों की कुर्की के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया है।
लगभग 4.81 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियां ‘अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, पर्यास इंफोसोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, वैभव जैन की पत्नी स्वाति जैन, अजीत प्रसाद जैन की पत्नी सुशीला जैन और सुनील जैन की पत्नी इंदु जैन से संबंधित हैं।’
ईडी ने कहा, ‘इन राशि का उपयोग जमीन की खरीद या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद के वास्ते लिये गए ऋण की अदायगी के लिए किया गया था।’’ अधिकारियों के अनुसार कुर्की आदेश में नामित व्यक्ति जैन के सहयोगी और परिवार के सदस्य हैं। ‘आप’ के नेता के खिलाफ धनशोधन का ईडी का मामला अगस्त 2017 में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो बीआई द्वारा उनके और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी से जुड़ा है।
जानिए क्या लगे थे आरोप- सीबीआई ने दावा किया है कि जैन ने 2018 से पहले के पांच वर्षों में दिल्ली में उनके द्वारा नियंत्रित कंपनियों के नाम पर 200 बीघा कृषि भूमि खरीदी और कई करोड़ रुपये के ‘‘काले धन का शोधन’’ किया। यह आरोप लगाया गया था कि जैन ने पूर्व में इन कंपनियों को या तो निदेशकों में से एक के रूप में या इन कंपनियों के एक तिहाई शेयरों को अपने नाम पर या अपने परिवार के सदस्यों या अन्य लोगों के नाम पर लिया था।
सीबीआई ने कहा था कि 2010-16 के बीच दिल्ली के औचंडी, बवाना, कराला और मोहम्मद माजवी गांवों में 200 बीघा जमीन खरीदने के लिए धन का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया था। आयकर विभाग ने भी इन लेन-देन की जांच की थी और जैन से कथित रूप से जुड़ी ‘बेनामी संपत्ति’ को कुर्क करने का आदेश जारी किया था।