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Hindi News दिल्ली पूर्वी दिल्ली अस्पताल हादसा: बेबी केयर सेंटर हादसा मामले में पुलिस ने दायर की चार्जशीट, इन लोगों को बनाया आरोपी

पूर्वी दिल्ली अस्पताल हादसा: बेबी केयर सेंटर हादसा मामले में पुलिस ने दायर की चार्जशीट, इन लोगों को बनाया आरोपी

पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार इलाके के बेबी केयर सेंटर में 2 महीने पहले लगी भीषण आग में 7 बच्चों की मौत हो गई थी। इस घटना के 2 महीने बाद अब दिल्ली पुलिस ने कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दायर की है।

East Delhi Hospital Accident delhi Police filed chargesheet in Baby Care Centre fire Accident case- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO प्रतीकात्मक तस्वीर

पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार के बेबी केयर सेंटर में भीषण आग लगने के कारण 7 बच्चों की मौत हो गई थी। इस घटना को 2 महीने बीत चुके हैं। इस घटना को 2 महीने बीत चुके हैं। अब जाकर दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 796 पन्नो की चार्जशीट दाखिल कर दी है। पुलिस ने इस मामले में बेबी केयर सेंटर के डायरेक्टर डॉक्टर नवीन और डॉक्टर आकाश के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। बता दें कि इस हादसे में 7 बच्चों की मौत हो गई थी। चार्जशीट में पुलिस ने 81 गवाहों के बयान दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस की टीम ने दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट को फाइल किया है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए 2 अगस्त की तारीख तय की है।

चार्जशीट में इन धाराओं के तहत केस दर्ज

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में धारा 304 यानी गैर इरादतन हत्या, 308 यानी गैर इरादतन हत्या की कोशिश और जेजे एक्ट की धारा के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है। बता दें कि हादसे के अगले दिन यानी 26 मई को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में बेबी केयर सेंटर के मालिक डॉक्टर नवीन खींची को गिरफ्तार किया था, जबकि 27 मई को डॉक्टर को आकाश को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 26 मई को विवेक विहार थाने में एफआईआर दर्ज की थी और जांच शुरू की थी। बता दें कि इस मामले पर दो महीने बाद अब दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। 

दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुख्य प्वाइंट्स

दिल्ली पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट के मुताबिक, अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने हादसे के तुरंत बाद न तो पुलिस को और न ही फायर डिपार्टमेंट को जानकारी दी। लिहाजा आग लगने और बचाव अभियान शुरू करने में 30 मिनट की देरी हो गई। पुलिस के मुताबिक, अस्पताल में उचित डिग्री धारक डॉक्टर, नर्सों की हादसे के वक्त ड्यूटी नहीं थी। चार्जशीट में बताया गया है कि अस्पताल में 5 बेड की मंजूरी थी, लेकिन 12 बेड़ चलाए जा रहे थए। साथ ही अस्पताल में जितने ऑक्सीजन सिलेंडर होने चाहिए थे, उतने नहीं थे। ये ऑक्सीजन सिलेंडर सुरक्षित नहीं थे, इस कारण उनमें धमाका हुआ। बता दें कि 2 अगस्त को कड़कड़डूमा कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई होने जा रही है।

कुमार सोनू