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Hindi News दिल्ली दिल्ली-एनसीआर में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर मापी गई इतनी तीव्रता

दिल्ली-एनसीआर में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर मापी गई इतनी तीव्रता

दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.4 है और इसका केंद्र नेपाल है। एक हफ्ते में ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब दिल्ली-एनसीआर भूकंप की वजह से कांपा है।

 Earthquake- India TV Hindi Image Source : INDIA TV दिल्ली-एनसीआर में महसूस किए गए भूकंप के झटके

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.4 है और इसका एपिसेंटर नेपाल था। एक हफ्ते में दूसरी बार ऐसा हुआ है, जब देश की राजधानी और एनसीआर में भूकंप आया है। नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ में लोगों ने 54 सेकंड तक ये झटके महसूस किए हैं। इसके अलावा उत्तराखंड में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

भूकंप के बाद क्या हुआ?

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके करीब 7 बजकर 57 मिनट पर महसूस हुए। जैसे ही भूकंप आया, लोग अपने ऑफिसों और घरों से बाहर की ओर भागने लगे। इससे पहले मंगलवार को भी दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसका केंद्र भी नेपाल में था। नेपाल में आज शाम करीब 7:57 बजे रिक्टर पैमाने पर 5.4 तीव्रता का भूकंप आया। इसकी जानकारी नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने दी है।

मंगलवार को भी आया था भूकंप

मंगलवार को भी दिल्ली-एनसीआर और यूपी समेत 5 राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसका केंद्र भी नेपाल में था और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.3 थी। इस भूकंप की वजह से 6 लोगों की मौत हो गई थी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, नेपाल में ये भूकंप 9 नवंबर रात 1 बजकर 57 मिनट पर आया था। जिसकी वजह से दोती जिले में घर गिर गया था और 6 लोगों की जान चली गई थी।

उत्तराखंड में भी आज आया था भूकंप

उत्तराखंड में भी शनिवार शाम को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। यहां करीब 4 बजकर 25 मिनट पर भूकंप आया था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.4 थी। भूकंप के झटके महसूस होते ही यहां भी लोग अपने घरों और ऑफिसों से बाहर की ओर निकल गए थे। 

2015 में आए भूकंप से हुई थीं 9 हजार से ज्यादा मौत

नेपाल में 25 अप्रैल 2015 को सुबह 11 बजकर 56 मिनट पर भी भूकंप आया था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 थी। इसकी वजह से 9 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और 23 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसका केंद्र नेपाल से 38 किलोमीटर दूर लामजुंग में था।