Earthquake in Delhi: नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, सोमवार (31 मई) रात 9 बजकर 54 मिनट पर नई दिल्ली के रोहिणी इलाके में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटकों की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.4 मापी गई है। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नई दिल्ली से 13 किलोमीटर उत्तर-उत्तरपश्चिम (NNW) में था। भूकंप भारतीय समयानुसार 9:54 PM बजे सतह से 8 किलोमीटर की गहराई में आया।
जानिए क्यों आता है भूकंप
आपको पता होगा कि धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है। इसमें इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट शामिल है। क्रस्ट और ऊपरी मैंटल को लिथोस्फेयर कहते हैं। यह 50 किमी की मोटी परत है। इन्हें ही टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। यह टैकटोनिक प्लेट्स हमेशा अपनी जगह से हिलती रहती हैं। जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप आ जाता है।
भूकंप आने पर क्या करें
- आपदा वैसे तो संभलने का मौका नहीं देती लेकिन थोड़ा चौकन्ना रहकर आप जिंदगी बचाने की कोशिश जरूर कर सकते हैं। जानिए भूकंप जैसी स्थिति से निपटने के लिए आप कैसे तैयार रह सकते हैं।
- भूकंप के झटके जैसे ही महसूस हों तुरंत बिना देर किए घर, ऑफिस से निकल खुली जगह पर निकल जाएं। बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें।
- बाहर जाने के लिए लिफ्ट का इस्तेमाल कतई न करें। सीढ़ियों से ही नीचे पहुंचने की कोशिश करें।
- अगर आप किसी ऐसी जगह हैं जहां बाहर जाने का कोई फायदा नहीं है तो सही यह होगा कि अपने आस-पास ही ऐसी जगह खोजें जिसके नीचे छिप कर खुद को बचाया जा सके। ध्यान रखें भूकंप के समय भागे नहीं इससे नुकसान की संभावना ज्यादा होगी।
- भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे, ऊपर रखे भारी सामान से दूर रहें ताकि इनके गिरने और शीशे टूटने से चोट न लगे।
- टेबल, बेड, डेस्क जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे घुस जाएं और उसके लेग्स कसकर पकड़ लें ताकि झटकों से वह खिसके नहीं।
- कोई मजबूत चीज न हो, तो किसी मजबूत दीवार से सटकर शरीर के नाजुक हिस्से जैसे सिर, हाथ आदि को मोटी किताब या किसी मजबूत चीज़ से ढककर घुटने के बल टेक लगाकर बैठ जाएं।
- खुलते-बंद होते दरवाजे के पास खड़े न हों, वरना चोट लग सकती है।
- गाड़ी में हैं तो बिल्डिंग, होर्डिंग्स, खंभों, फ्लाईओवर, पुल आदि से दूर सड़क के किनारे या खुले मैदान में गाड़ी रोक लें और भूकंप रुकने तक इंतजार करें।