Earth Hour 2022: दिल्ली के लोगों ने ‘अर्थ आवर’ के दौरान 171 मेगावाट बिजली बचाई
दिल्लीवासियों ने शनिवार को ‘अर्थ आवर’ अभियान के तहत रात साढ़े बजे से एक घंटे के लिए बिजली के गैर जरूरी उपकरणों को बंद करके करीब 171 मेगावाट बिजली की बचत की।
नई दिल्ली। दिल्लीवासियों ने शनिवार को ‘अर्थ आवर’ अभियान के तहत रात साढ़े बजे से एक घंटे के लिए बिजली के गैर जरूरी उपकरणों को बंद करके करीब 171 मेगावाट बिजली की बचत की। ‘अर्थ अवर’ के तहत राष्ट्रपति भवन, हुमायूं का मकबरा सहित कई ऐतिहासिक इमारतों की रोशनी एक घंटे के लिए मद्धिम कर दी गई थी।
बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रात साढ़े आठ बजे से साढ़े नौ बजे तक चले एक घंटे के आयोजन के दौरान करीब 171 मेगावाट बिजली बचाई गई। दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली बीएसईएस ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी के उपभोक्ताओं ने 135 मेगावाट की बिजली इस अवधि में बचाई। दिल्ली के उत्तर और उत्तर पश्चिम में बिजली का वितरण करने वाली टाटा पावर- डीडीएल ने बताया कि अर्थ आवर के दौरान उपभोक्ताओं ने 10 मेगावाट बिजली की बचत की।
ऐसे तो अर्थ आवर दुनियाभर में एक वार्षिक रूप से मनाया कार्यक्रम है लेकिन इसका असर लोगों पर लंबे समय तक होता है। इस दिन दुनियाभर में लोग एक घंटे के लिए बिजली की खपत को बंद कर देते हैं। इस कारण इसे अर्थ आवर कहा जाता है। यह कार्यक्रम दुनिया के कुछ चुनिंदा जमीनी कार्यक्रमों में से एक हैं जिसमें करोड़ों की संख्या में लोग भाग लेते हैं। इस साल अर्थ आवर आज 26 मार्च, 2022 को रात 8:30 बजे इसे मनाया गया।
क्या है इसे मनाने का मकसद?
अर्थ आवर डे को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया में ऊर्जा की बड़े स्तर पर खपत को बचाना और प्रकृति की सुरक्षा के लिए जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। अर्थ आवर डे की आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा है कि प्रकृति के नुकसान और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा पर जल्द से जल्द प्रकाश डालने को लेकर दुनिया भर के लाखों लोगों, व्यवसायों और नेताओं को एक साथ लाएं। प्रकृति के नुकसान और कोरोना महामारी के बढ़ते असर को देखते हुए अर्थ आवर दुनिया के लोगों को इस मुद्दे पर बोलने के लिए ऑनलाइन एकजुट करेंगा।
कब से मनाया जा रहा है अर्थ आवर?
अर्थ आवर का आयोजन साल 2007 से ही हर साल किया जा रहा है। दुनियाभर के सैकड़ों देशों के करोड़ों लोग हर साल इस वैश्विक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं। इस दिन दुनिया के कई ऐतिहासिक इमारतों की रौशनी को भी बंद कर दिया जाता है। बिजली बंद करने से कार्बन फुटप्रिंट में को कम करने में मदद मिलती है और ऊर्जा की भी बचत होती है।
कौन करता है आयोजन
इस कार्यक्रम का आयोजन वर्ल्ड वाइड फंड फोर नेचर (WWF) की ओर से हर साल मार्च महीने के आखिरी शनिवार को किया जाता है। इसका मकसद दुनिया में लोगों को प्रकृति और जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक करना है। इसलिए कार्यक्रम के लिए 26 मार्च, 2022 के दिन को चुना गया था।