DU Hunger Strike: दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय की फैकल्टी ऑफ लॉ के छात्रों ने परीक्षाएं स्थगित करने की मांग करते हुए भूख हड़ताल शुरू कर दी है। परीक्षाएं स्थगित करने की वजह पर छात्रों का कहना है कि अभी कोर्स पूरा नहीं हुआ है। दूसरे, चौथे और छठे सेमेस्टर के प्रदर्शनकारी छात्रों ने दो पेपरों के बीच पर्याप्त अंतर बनाए रखने के लिए डेट शीट में भी बदलाव की मांग की है।
छात्रों का कोर्स नहीं हुआ पूरा, 10 अगस्त से पेपर
बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर (CLC) और लॉ सेंटर I और II के छात्र भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उन्होंने दावा किया कि उनका कोर्स खत्म नहीं हुआ है और ऑनलाइन क्लास अभी भी चल रही हैं लेकिन परीक्षाएं 10 अगस्त से होने जा रही हैं। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय जब तक परीक्षा स्थगित नहीं कर देता, तब तक उनकी भूख हड़ताल खत्म नहीं होगी।
छात्र संगठनों का फीस बढ़ोतरी समेत कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन
अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) और क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) के सदस्यों ने तीन अगस्त को दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रस्तावित फीस बढ़ोतरी और चार साल के स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) के खिलाफ आर्ट डिपार्टमेंट के बाहर प्रदर्शन किया था। वामपंथी छात्र संगठनों के प्रदर्शनकारी छात्रों ने विश्वविद्यालय से चार साल के ग्रेजुएशन प्रोग्राम की समीक्षा करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि यह मेन सब्जेक्ट को कम करता है और छात्रों पर वित्तीय बोझ बढ़ाता है। छात्रों ने तख्तियां लेकर नारेबाजी की जिन पर लिखा था, "फीस संरचना के ढांचे को तर्कसंगत बनाने के नाम पर फीस में बढ़ोत्तरी को बंद करें", 'एफवाईयूपी को टालें और समीक्षा करें' और 'एफवाईयूपी वापस लो'।
छात्र संगठनों का यह विरोध प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ जब एफवाईयूपी के पहले सेमेस्टर के कोर्स पर चर्चा करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की बैठक हुई है। आइसा के एक कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘हम दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा डिग्रियों को खत्म करने, शिक्षकों के लिए नौकरी कम करने, केवल पहले सेमेस्टर के पेपर के लिए कोर्स पास करने की जल्दबाजी की कवायद को खारिज करते हैं।’’ दिल्ली विश्वविद्यालय की योजना शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से ही नए पाठ्यक्रम को लागू करने की है। विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की बुधवार को होने वाली बैठक के दौरान 100 से अधिक स्नातक पाठ्यक्रमों पर चर्चा की जाएगी।