नयी दिल्ली: दिल्ली में इस साल डेंगू के मामले बढ़कर 5,270 के पार पहुंच गए हैं। स्थानीय निकाय द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2015 के बाद इस साल डेंगू के सबसे ज्यादा मामले आए हैं। पिछले एक सप्ताह में डेंगू के करीब 2,570 नये मामले आए हैं, हालांकि इस दौरान बीमारी से किसी की मौत नहीं हुई है। स्थानीय निकाय की ओर से सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, इस मौसम में 13 नवंबर तक डेंगू के 5,277 मामले आए हैं, जो 2015 के बाद सबसे ज्यादा हैं। दिल्ली में 2016 में डेंगू के 4431 मामले आए थे जबकि 2017 में 4726 , 2018 में 2798, 2019 में 2036 और 2020 में 1072 मामले आए थे।
डेंगू के मच्छर साफ और स्थिर पानी में पैदा होते हैं, जबकि मलेरिया के मच्छर गंदे पानी में भी पनपते हैं। डेंगू व चिकनगुनिया के मच्छर ज्यादा दूर तक नहीं जाते हैं। हालांकि जमा पानी के 50 मीटर के दायरे में रहने वाले लोगों के लिए परेशानी हो सकती है। दरअसल डेंगू से संक्रमित होने पर प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती है। डेंगू बुखार आने पर सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होने लगता है, वहीं आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी, भूख न लगना, गले में दर्द भी होता है।
वहीं एक सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले दिल्ली और एनसीआर के 43 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके परिवार में या उनके किसी करीबी को इस साल डेंगू हुआ है। अगस्त के मध्य से, दिल्ली-एनसीआर के कई निवासियों ने ‘लोकल सर्किल्स’ पर उनके परिवार में किसी न किसी को तेज बुखार, थकान और जोड़ों में दर्द जैसे डेंगू के लक्षण होने की जानकारी दी। सर्वेक्षण में 15000 प्रतिक्रियाएं मिलीं, जिनमें से गाजियाबाद के 57 प्रतिशत, दिल्ली में 45 प्रतिशत, नोएडा के 44 प्रतिशत, फरीदाबाद के 40 प्रतिशत और गुड़गांव के 29 प्रतिशत लोग थे।
सर्वेक्षण में कहा गया कि दिल्ली-एनसीआर के 10 प्रतिशत लोगों के परिवार या उनके करीबियों में से चार या उससे अधिक लोगों को डेंगू था। सर्वेक्षण में शामिल दिल्ली-एनसीआर के 53 प्रतिशत निवासियों में से ज्यादातर ने कहा कि उनके आसपास कोई भी संक्रमित नहीं हुआ है और तीन प्रतिशत ने कहा कि वे इसके बारे में कुछ कह नहीं सकते। लगभग 43 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके परिवार में या उनका कोई करीबी इस साल डेंगू की चपेट में आया है।