नयी दिल्ली: दिल्ली में वायु गुणवत्ता मंगलवार को भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रही और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण इस हफ्ते वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ की श्रेणी में बने रहने की आशंका है। मंगलवार सुबह नौ बजे तक शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 346 था। सोमवार को 24 घंटे का औसत सूचकांक 318 जबकि रविवार को यह 268 था।
ठंडी हवाओं और कम तापमान के कारण प्रदूषक कण धरातल के निकट बने रहते हैं जबकि अनुकूल तेज हवाएं इन्हें छितरा कर अपने साथ उड़ा ले जाती हैं। केंद्र सरकार की दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली ने बताया कि प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में बने रहने की आशंका है और चार दिसंबर से सात दिसंबर के बीच इसके ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने का अनुमान है।
वहीं गाजियाबाद में मंगलवार को वायु गुणवत्ता बिगड़कर ‘गंभीर स्तर’ पर पहुंच गयी जबकि नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गुड़गांव में यह बहुत खराब रही। सरकारी एजेंसी ने मंगलवार को इस संबंध में आंकड़ा जारी किया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के अनुसार दिल्ली से सटे इन शहरों में प्रदूषक कणों - पीएम 2.5 एवं पीएम 10 की मात्रा भी अधिक रहीं।
सूचकांक के अनुसार शून्य से 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। मंगलवार को पिछले 24 घंटे का और वायु गुणवत्ता सूचकांक गाजियाबाद में 424 रहा, जबकि यह ग्रेटर नोएडा में 388, नोएडा में 387, फरीदाबाद में 335, गुरुग्राम में 311 दर्ज किया गया।
सोमवार को एक्यूआई फरीदाबाद में 298,गुरुग्राम में 291, नोएडा में 346, ग्रेटर नोएडा में 349 और गाजियाबाद में 377था। रविवार को एक्यूआई फरीदाबाद में 236,गुरुग्राम में 242, नोएडा में 268, ग्रेटर नोएडा में 273 और गाजियाबाद में 300 था। बोर्ड का कहना है कि बहुत खराब वायु गुणवत्ता से लंबे समय तक रहने से लोगों को सांस की बीमारी हो सकती है जबकि गंभीर वायु गुणवत्ता स्वस्थ व्यक्ति पर भी असर डालती है और जिन्हें पहले से बीमारी है उनपर और बुरा प्रभाव करती है।