A
Hindi News दिल्ली दिल्ली चिड़ियाघर में एक सींग वाले गैंडे 'धर्मेंद्र' की मौत, साथ में रहती थी मादा गैंडा

दिल्ली चिड़ियाघर में एक सींग वाले गैंडे 'धर्मेंद्र' की मौत, साथ में रहती थी मादा गैंडा

असम से दिल्ली चिड़ियाघर लाए गए एक सींग वाले नर गैंडे ‘धर्मेंद्र’ की अप्राकृतिक मौत हो गई। सितंबर 2024 में लाया गया 11 साल का गैंडा स्वस्थ था। उसे प्रजनन के लिए मादा गैंडे ‘अंजुहा’ के साथ रखा गया था।

Delhi Zoo Rhino, Delhi Zoo Rhino Dharmendra, Delhi Zoo Rhino Dead- India TV Hindi Image Source : PEXELS REPRESENTATIONAL दिल्ली चिड़ियाघर में एक सींग वाले गैंडे की मौत।

नई दिल्ली: असम से दिल्ली के चिड़ियाघर में लाए गए एक सींग वाले नर गैंडे ‘धर्मेंद्र’ की अप्राकृतिक मौत हो गई है। अधिकारियों ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ‘धर्मेंद्र’ आज सुह अपने बाड़े में मरा हुआ मिला। बताया जा रहा है कि सितंबर 2024 में यहां लाया गया 11 साल का यह गैंडा अच्छी हालत में था और उसे स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या नहीं थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘धर्मेंद्र’ को प्रजनन की उम्मीद में चिड़ियाघर में ‘अंजुहा’ नाम की एक मादा गैंडे के साथ रखा गया था। बता दें कि बुधवार को ही एक सफेद मादा बाघिन की मौत की भी खबर सामने आई थी।

‘अपने बाड़े में मृत पाया गया धर्मेंद्र गैंडा’

दिल्ली चिड़ियाघर के डायरेक्टर संजीत कुमार ने बताया कि धर्मेंद्र सुबह अपने बाड़े में मृत पाया गया। उन्होंने बताया कि गैंडे को तुरंत चिड़ियाघर के पशु चिकित्सालय ले जाया गया, लेकिन वहां पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। उन्होंने कहा, ‘लगभग 11 साल का नर गैंडा आज सुबह अपने बाड़े में मृत पाया गया। चूंकि यह एक अप्राकृतिक मौत है और इसका पहले कोई बीमारी का इतिहास नहीं था, इसलिए सभी संभावित वजहों पर विचार किया जा रहा है और जांच जारी है।’ रिपोर्ट्स के मुताबिक, गैंडे का पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही उसकी मौत के कारणों का पता लग सकता है।

सफेद मादा बाघिन की भी हुई थी मौत

बता दें कि बुधवार को ही चिड़ियाघर के अधिकारियों ने 9 महीने की सफेद मादा बाघिन की ‘ट्रॉमेटिक शॉक’ और ‘निमोनिया’ के कारण मौत होने की जानकारी दी थी। चिड़ियाघर के डायरेक्टर संजीव कुमार ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि 9 महीने की शावक का सितंबर से अस्पताल में इलाज किया जा रहा था, लेकिन 4 दिन पहले उसने दम तोड़ दिया। कुमार ने बताया, ‘मादा शावक का इलाज किया जा रहा था, लेकिन ‘ट्रॉमेटिक शॉक’ और निमोनिया की वजह से उसकी मौत हो गई। उसके नमूने परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजे गए हैं।’ (भाषा)