नई दिल्ली: मानसून की देरी की वजह से उत्तर भारत में पड़ रही गर्मी ने पिछले कई वर्षों के रिकॉर्ड तोड़े हैं। देश की राजधानी दिल्ली में गुरुवार पहली जुलाई को अधिकतम तापामान 43.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो 90 साल में पहली जुलाई को दर्ज किया गया सबसे अधिकतम तापमान है। दिल्ली में हालात ऐसे हो गए हैं कि न्यूनतम तापमान भी 30 डिग्री सेल्सियस के ऊपर पहुंच गया है। पहली जुलाई को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अगर रात में भी न्यूततम तापमान 30 डिग्री से ऊपर हो तो वह सामान्य नहीं होता।
तीन दिनों से जबरदस्त लू का प्रकोप झेल रही दिल्ली के मंगेशपुर में तापमान 45.2 डिग्री पर पहुंच गया। वहीं नजफगढ़ में 44 डिग्री और पीतमपुरा में 44.3 डिग्री रहा। राजधानी दिल्ली में पारा लगातार 40 डिग्री के पार चढ़ा हुआ है। यहां 29 जून को रात का न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि 30 जून को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 31.7 डिग्री रिकॉर्ड हुआ यानी एक दिन में 2 डिग्री से ज्यादा का इजाफा हुआ। मौसम वैज्ञानिक भी बताते हैं कि जब न्यूनतम तापमान 30 डिग्री से ऊपर चला जाए तो रात में भी हालात बेहद गर्म और परेशान करने वाले होते हैं।
बता दें कि आम तौर पर राष्ट्रीय राजधानी में 20 जून तक लू चलती है और इसके बाद तापमान कम होने लगता है। इस बार मानसून की देरी की वजह से शायद तापमान बढ़ रहा है।’’ पिछले तीन दिन से बारिश नहीं हुई है और उत्तर पश्चिम भारत के एक बड़े हिस्से में गर्म पछुआ हवाएं चल रही हैं, जहां अभी तक मानसून नहीं पहुंचा था। केरल में दो दिन देरी से पहुंचने के बाद, मानसून सामान्य से सात से 10 दिन पहले पूर्वी, मध्य और आसपास के उत्तर-पश्चिम भारत को कवर करते हुए पूरे देश में पहुंच गया था।
मौसम विभाग ने पूर्व में, 12 दिन पहले 15 जून को मानसून के दिल्ली पहुंचने का अनुमान लगाया था। हालांकि पछुआ हवाएं दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में इसे आगे बढ़ने को रोक रही हैं। आम तौर पर मानसून 27 जून को दिल्ली पहुंच जाता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है। आखिरी बार 2012 में सबसे देरी से सात जुलाई को मानसून दिल्ली पहुंचा था।